स्वतंत्र समय, इंदौर
प्रदेश में आगामी 17 नवंबर को हो रहे विधानसभा चुनावों के कारण अधिकांश दूसरे काम ठप हो गए हैं। इसका सीधा असर देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी और उसकी परीक्षा व रिजल्ट जैसे कामों पर भी पड़ा है। यूनिवर्सिटी की नवंबर-दिसंबर में होने वाली परीक्षाएं आगे खिसक गई हैं। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के कई डिपार्टमेंट में होने वाले काम भी कर्मचारियों के चुनावों में ड्यूटी के कारण ठप हो गए हैं। विद्यार्थियों को अपनी मार्कशीट से लेकर डिग्री तक के लिए कई चक्कर यूनिवर्सिटी में काटने पड़ रहे हैं। अब मतगणना के बाद यानी दिसंबर पहले हफ्ते के बाद ही स्थितियां सामान्य हो पाएंगी।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के अधिकांश कर्मचारियों की ड्यूटी चुनावी कार्य में लग चुकी है। इसमें प्रमुख रूप से परीक्षा, गोपनीय, स्थापना डिपार्टमेंट के कर्मचारी शामिल है। इस कारण यूनिवर्सिटी का दैनन्दिनी का काम तो ठप हो रहा है। साथ ही इसका असर परीक्षाओं और रिजल्ट पर भी पड़ा है। यूनिवर्सिटी को नवंबर में करवाने वाली कई परीक्षाएं दिसंबर तक टालना पड़ी हैं। वही सेकंड ईयर के पूरे रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं किए जा सके हैं।
सेकंड ईयर के रिजल्ट अब तक नहीं
यूनिवर्सिटी ने अभी बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए जैसे फस्र्ट ईयर के सारे रिजल्ट अक्टूबर के पहले हफ्ते के पहले ही घोषित कर दिए है, लेकिन अब तक यूनिवर्सिटी इन क्लासेस के सेकंड ईयर के रिजल्ट घोषित नहीं कर पाई है। इसके पीछे समस्या स्टाफ की कमी है। अधिकांश स्टाफ की ड्यूटी चुनावी कार्य में लग गई है, जिससे यहां पर कर्मचारियों की कमी हो गई है। वहीं कॉपियां जांचने वाले परीक्षक भी चुनावी ड्यूटी में व्यस्त हो गए हैं, जिसका असर कॉपियां जांचने के काम पर भी पड़ा है। इससे रिजल्ट भी देरी से आ रहे हैं। कुछ समय हुई परीक्षाओं के रिजल्ट में भी निश्चित ही देरी होगी। यूनिवर्सिटी नई परीक्षाएं नहीं करवा रहा है, लेकिन पुरानी परीक्षाओं के रिजल्ट निकालने की प्रक्रिया उसे शुरू रखना होगी, जिसमें देरी हो रही है।
पहले से बीएलओ, अब बाकी भी व्यस्त
यूनिवर्सिटी के परीक्षा, गोपनीय स्थापना के कई कर्मचारी काफी समय से चुनावी कार्य में लगे हैं। इन्हें मतदान केन्द्र में बीएलओ की जिम्मेदारी मिली हुई है। अब कई दूसरे कर्मचारियों को भी मतदान केन्द्र से लेकर अन्य कामों में लगा दिया गया है। यूनिवर्सिटी के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अलग-अलग काम दे दिए गए है, जिससे यूनिवर्सिटी का काम ठप हो गया है। यहां पर सैकड़ों विद्यार्थी अपनी डिग्री, डुप्लीकेट मार्कशीट, कॉपियों के नंबर में बदलाव सहित अन्य कामों के लिए आते है। इनमें न केवल इंदौर बल्कि बाहर के जिलों धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर और खंडवा जिलों से भी यहां पर आते है। उन्हें अब कर्मचारियों के न मिलने के कारण चुनाव के बाद आने के लिए कहा जा रहा है।