कांग्रेस की पहली सूची के साइड इफेक्टः कहीं जला पुतला, कहीं पार्टी छोड़ गए दावेदार

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी की पहली सूची जारी होते ही अनेक स्थानों पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में रोष देखने को मिला है। दतिया में प्रत्याशी बनाए गए अवधेश नायक का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर पुतला फूंका। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी किया। उल्लेखनीय है कि अवधेश नायक कुछ दिन पहले ही भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उनको पार्टी में शामिल होते ही टिकट मिल जाने से कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता नाराज हैं। वहीं नायक को प्रत्याशी बनाए जाने पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि वे चूंकि मप्र के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के खास हैं, इसलिए डॉ मिश्रा ने ही उन्हें कांग्रेस में भेजा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर यह सही है तो क्या कांग्रेस ने गृहमंत्री डॉ मिश्रा को वॉक ओवर दिया है।

पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने छोड़ा हाथ का साथ, हाथी की सवारी करेंगे

कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने भी सतना जिले की नागौद सीट से टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। यादवेंद्र ङ्क्षसह नागौद सीट से पिछला चुनाव सिर्फ 600 वोट से हारे थे। बताया जा रहा है कि इस बार पार्टी की तरफ से उनका सिंगल नाम भेजा गया था, फिर भी उनका टिकट कट गया है। टिकट कटने के बाद यादवेंद्र सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि -‘चुनाव लडना है, कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं। इसके बाद रविवार शाम को यादवेंद्र सिंह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भोपाल पहुंचे और समर्थकों के साथ बसपा की सदस्यता ग्रहण की। उनको इंजीनियर रामजी गौतम सांसद राज्यसभा एवं मुख्य प्रदेश प्रभारी, इंजीनियर रमाकांत पिप्पल प्रदेश अध्यक्ष बसपा एवं मुकेश अहिरवार प्रदेश प्रभारी ने बसपा प्रदेश कार्यालय भोपाल में सदस्यता दिलाई। नागौद के ही कांग्रेस नेता एवं विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष गजेंद्र सिंह सिप्पू ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।

यहां भी विरोध, दिया इस्तीफा

मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने भी टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वे टीकमगढ़ जिले के किसी विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे थे। सागर जिले में भी कांग्रेस की लिस्ट का साइड इफेक्ट देखने को मिला है। प्रत्याशियों की सूची घोषित होते ही नरयावली विधानसभा की नेत्री एवं प्रमुख दावेदार शारदा खटीक जनपद सदस्य ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी लगातार 15 वर्षों से चुनाव हार रहे हैं।  इस कारण से इस बार टिकट बदलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने एक बार फिर हारे हुए चेहरे को टिकट दे दिया है, जिसके कारण में अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं। इंदौर -4 सीट से प्रत्याशी बनाए गए राजा मांदवानी का भी विरोध शुरू हो गया है। इस सीट से अक्षय बम भी उम्मीदवार थे, लेकिन उन्हें टिकट न मिलने से बम समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन कर पुतला दहन किया। निमाड़ अंचल में धार जिले के नेता व पूर्व सांसद गजेंद्र ङ्क्षसह राजूखेड़ी के भी कांग्रेस प्रत्याशी न बनाए जाने पर कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने की सूचना है।

भाजपा में भी पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी

उधर, भाजपा में भी पार्टी छोडऩे का सिलसिला जारी है। रविवार को भी कई नेताओं ने भाजपा को अलविदा कह दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लहार (भिंड) दौरे के दौरान भी भाजपा को एक बड़ा झटका लगा। लहार से पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। रसाल सिंह लहार सीट (जिला भिंड) से टिकट काटे जाने से नाराज चल रहे थे। रसाल सिंह के अगले 2-3 दिन में कांग्रेस में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। सतना विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट न मिलने से नाराज चल रहे स्थानीय नेता रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा ने भी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। बताया जा रहा है कि शिवा सतना सीट से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी हो सकते हैं।

यादवेंद्र बोले… कमलनाथ को घमंड हो गया, सबक सिखाऊंगा

सतना जिले के कांग्रेस के कद्यावर नेता और नागौद के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने टिकट न मिलने से हाथ का साथ छोड़ बसपा का दामन थाम लिया है। बसपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने कहा कि कमलनाथ को घमंड हो गया है और वह सबक जरूर सिखाएंगे। इस्तीफा देने के बाद यादवेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कमलाथ समर्थक नेता सज्जन सिंह वर्मा को भी गुंडा बताया।

मेरा किसी ने फोन तक नहीं उठाया

उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेरी टिकट काटने के 8 घंटे बाद भी कांग्रेस के किसी नेता ने मुझे फोन तक नहीं किया। जहां कोई पूछने वाला नहीं है उस कांग्रेस को इस्तीफा भेजने की क्या जरूरत है। मैं अजय सिंह राहुल और कांग्रेस का राइट हैंड था, लेकिन जब मेरे साथ ऐसा हो रहा है तो मैं कैसे बर्दाश्त कर सकता हूं।

यहां भी विरोध के स्वर

कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद प्रदेश की विभिन्न सीटों खरगापुर, ग्वालियर, बिजावरर, नरयावली, पवई, नागौद, उज्जैन उत्तर सहित कई स्थानों पर विरोध के स्वर उठे हैं। उज्जैन उत्तर में भी कंाग्रेस प्रत्याशी बनाए गए माया त्रिवेदी को प्रत्याशी घोषित किए जाने का जमकर विरेाध हुआ और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन तक कर दिया। यहां से विवेक यादव ने बगावत कर चुनाव लडऩे की ताल ठोकी है। उधर, छतरपुर जिले की बिजावर सीट से उप्र के चरण सिंह यादव को प्रत्याशी बनाए जाने का स्थानीय कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। बिजावर विस क्षेत्र के सटई नगर परिषद अध्यक्ष राजेश शर्मा भी बिजावर सीट से दावेदार थे, उन्हें टिकट न मिला, तो शर्मा ने कांग्रेस सेवादल के जिला मुख्य संगठक के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि शर्मा ने कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी है, बल्कि अपने इस्तीफा पत्र में लिखा है कि वे कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य बने रहेंगे। ग्वालियर में केदार कंसाना ने भी बगावती तेवर अख्तयार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया, लेकिन वे हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि वे किस पार्टी से लड़ेंगे।