कार्रवाई को लेकर खनिज अधिकारी पर खड़े हो रहे सवाल, जांच हुई तो नपेंगे जिम्मेदार

स्वतंत्र समय, पन्ना

जिले की अजयगढ तहसील अन्तर्गत विभिन्न स्थानो पर वर्षो से मशीनो के द्वारा रेत का भारी उत्खनन किया जा रहा है। यह उत्खनन खनन माफियाओं तथा पन्ना जिले मे पदस्थ खनिज अधिकारी रवी पटेल की सहमति से लगातार चल रहा था। जिसमे बीरा, फरस्वाहा, रामनई, चांदीपाठी, भीना, खरोनी सहित अनेक स्थानो पर रेत खनन को लेकर मीडिया द्वारा मामले को लगातार उठाया गया। जिसको लेकर सागर कमश्निर के निर्देश पर कलेक्टर पन्ना द्वारा खनिज अधिकारी से टीम बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। लेकिन खनिज अधिकारी द्वारा पूर्व से ही खनन माफियाओं को सूचना कर दी गई थी। जिससे अनेक स्थानो से मशीने हटा ली गई थ। सिर्फ चांदीपाठी मे पांच डम्फर तथा पांच पोकलेने मशीने प्रशासन की टीम को खनन करते हुए पकडी गई। लेकिन उक्त मशीने जिस खनिज माफिया के द्वारा अवैध उत्खनन मे चलाई जा रही थी। उन्ही के सुपुर्द कर दी गई। जिससे खनिज अधिकारी तथा टीम द्वारा की गई कार्यवाही संन्देह के घेरे मे आ गई है। क्योकि कार्यवाही के छह घंटे बाद फिर से उन्ही स्थानो पर अवैध उत्खनन प्रारंभ हो गया है।
आखिर जप्त की गई मशीने तथा डम्फर पुलिस के हवाले क्यो नही किया गया। इससे यह साबित होता है कि सारा अवैध रेत उत्खनन का कार्य खनिज अधिकारी की मिली भगत से ही चल रहा है तथा जो कार्यवाही की गई है। वह सिर्फ वरिष्ट अधिकारीयो को दिखाने के लिए औप चारिकता की गई है। ज्ञात हो कि पन्ना जिले मे विगत एक वर्ष से बिना किसी नीलामी के रेत खदानो का संचालन हो रहा है। जिसमे रश्मित मल्होत्रा जो छतरपुर मे खदान का ठेका लिए हुए है, उसके द्वारा तथा खनिज अधिकारी एवं खनिज माफियाओ के द्वारा मिलकर किया जा रहा है। इससे केन नदी का सीना छल्ली हो रहा है तथा शासन को करोडो रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।