किसानों ने गोदाम में रखी छोटे दाने की यूरिया बोरियों पर किया कब्जा, आरोप- मोटे दाने की दे रहे

स्वतंत्र समय, हरपालपुर

जिला प्रशासन के लाख दावों के बाद भी जिले में खाद संकट दूर होने का नाम नहीं ले रहा है। अभी किसान डीएपी खाद के लिये दर दर भटक रहे थे। वहीं मावठ की बारिश के बाद किसानों में अचानक यूरिया की डिमांड बढऩे के बाद किसानों के सामने यूरिया का संकट खड़ा हो गया है। किसानों के घंटो लाइन में लगने के बाद भी यूरिया नहीं मिल पा रहा है। गुस्साये किसानों ने गोदाम में घुसकर यूरिया की बोरियों पर कब्जा कर बैठ गये। किसानों का हंगामा देखकर गोदाम प्रभारी द्वारा पुलिस बुलाई गई। वहीं किसानों को यूरिया वितरण में आ रही समस्या की शिकायत एसडीएम नौगांव विशा मघवानी को मिलने पर नौगांव तहसीलदार संदीप तिवारी को मौके पर भेजा गया। तहसीलदार द्वारा गोदाम कर्मचारियों को किसानों को महीन दाने के यूरिया का वितरण करने के निर्दश दिये जिसके बाद किसान शांत हुए। गुरुवार को मावठ की बारिश के बाद किसान सरसेड़ रोड स्थित मार्कफेड गोदाम यूरिया खाद लेने उमड़े। यहां किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद टोकन पर्ची मिलने के बाद यूरिया के लिये मार्कफेड गोदाम पर भी घंटो इंतज़ार के बाद महीन दाने के यूरिया का स्टॉक होने के बावजूद मोटे दाने का यूरिया दिए जाने से किसानों का पारा चढ़ गया। आधा सैकड़ा से अधिक किसान यूरिया न मिलने से नाराज होकर गोदाम में घुसकर यूरिया की बोरी खुद ही निकालने लगे। इमलिया निवासी किसान हल्के राजपूत ने आरोप लगाया कि वे सुबह 11 बजे से गोदाम पर यूरिया के लिये खड़े हैं उन्हें यूरिया नहीं दिया जा रहा है। व्यापारियों व दलालों को 300 रुपया में यूरिया दिया जा रहा है। वहीं भदर्रा निवासी किसान शंकर सिंह राजपूत ने बताया कि सुबह से यूरिया के लिये खड़े हैं पर उन्हें खाद नहीं मिल रहा हैं। किसानों के हंगामे के बाद पहुंची पुलिस ने किसानों को व्यवस्थित रूप से यूरिया वितरण करवाया।
इस बार किसानों को लिये मोटे दाने का यूरिया भी परेशानी बना हुआ है जिसे लेने में वह कतरा रहे हैं। मार्कफेड गोदाम में मोटे व महीन दाने का यूरिया स्टॉक में होने के चलते किसानों को मोटे एवं महीन दाने के यूरिया की बोरियां बराबर मात्रा में दी जा रही थी। लेकिन किसान मोटे दाने का यूरिया लेने से परहेज कर रहे हैं। जिसके बाद किसानों ने महीन दाने का यूरिया लेने के लिये गोदाम में घुसकर बोरियों पर कब्जा कर बैठ गये थे। किसानों ने बताया कि मोटे दाने का यूरिया खेत में नहीं गलता है इसलिये वो इसे नहीं ले रहे हैं।