स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश में मुख्य सचिव के पद को लेकर एक बार फिर केंद्र में पदस्थ 1989 बैच के आईएएस अनुराग जैन का नाम प्रशासनिक हल्के में तेजी से उभर रहा है। वे बुधवार को भोपाल में नेशनल हाइवे की सडक़ का निरीक्षण करने पहुंचे तो इस पद की दावेदारी को लेकर एक बार कयासबाजी तेज हो गई है। प्रदेश में मुख्य सचिव की जिम्मेदारी अतिरिक्त प्रभार के रूप में संभाल रहीं वीरा राणा का रिटायरमेंट मार्च 2024 में होना है। इस अवधि तक लोकसभा चुनाव के पहले चुनाव आचार संहिता लगना तय माना जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार को नए मुख्य सचिव की तलाश समय पर करनी होगी। इस बीच केंद्र में भूतल परिवहन और सडक़ मंत्रालय में सचिव के रूप में सेवाएं दे रहे आईएएस अधिकारी अनुराग जैन का नाम फिर चर्चा में है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव से उनकी मुलाकात भी हुई थी।
भोपाल में जैन का 11 मील बाइपास पर निरीक्षण
वे बुधवार को भोपाल आए और राजधानी में मिसरोद के पास 11 मील बाइपास पर नेशनल हाईवे रोड का निरीक्षण भी किया है। उनकी भोपाल प्रवास के चलते मुख्य सचिव पद की दौड़ में शामिल होने के कयास भी तेज हो गए हैं।
ये आईपीएस अफसर केंद्र के लिए इम्पैनल
इधर केंद्र सरकार ने एमपी कैडर के तीन आईपीएस अफसरों को केंद्र में एडीजी स्तर के लिए इम्पैनल किया है। जिन अधिकारियों को केंद्र के लिए इम्पैनल किया है, उसमें 1995 बैच के ए साईं मनोहर और योगेश देशमुख तथा मीनाक्षी शर्मा का नाम शामिल है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इम्पैनल किए गए अधिकारियों को लेकर आदेश जारी कर दिया है।
राजेश राजौरा भी सबसे प्रमुख दावेदारों में
दूसरी ओर प्रदेश में पदस्थ अपर मुख्य सचिव स्तर के कई आला अफसरों ने भी मुख्य सचिव की कुर्सी पर निगाहें जमा रखीं हैं। वीरा राणा को प्रभार मिलने से पहले भी करीब आधादर्जन दावेदारों को सीएस की कुर्सी का प्रमुख माना जा रहा था, लेकिन राणा का लोकसभा चुनाव के दौरान ही रिटायरमेंट होना है, ऐसे में सरकार कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती है। अगर अनुराग जैन को सीएस की कुर्सी नहीं मिलती तो फिर सीएम के विश्वस्थ और वर्तमान में एसीएस राजेश राजौरा को भी मुख्यसचिव बनाया जा सकता है। सीएम ने संभागों के बंटवारे में अपने जिला का प्रभार राजौरा को देकर एक संकेत दिया है।