स्वतंत्र समय, भोपाल
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह तोमर का कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये के लेनदेन का दूसरा वीडियो चर्चा में है, इससे कुछ दिन पहले ही उनका सौ करोड़ रुपये के कथित लेनदेन का पहला वीडियो वायरल हुआ था। दोनेां वीडियो के बाद कांग्रेस पार्टी भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस नेत्री डॉ रागिनी नायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि 50 प्रतिशत कमीशन और शिवराज सिंह चौहान तो एक-दूसरे के पर्याय बन ही चुके हैं। अब, नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे देवेन्द्र तोमर के लगातार वायरल हो रहे वीडियो इस बात का प्रमाण हैं कि 50 प्रतिशत कमीशन के साथ-साथ ‘काला-धन’ भी भाजपा नेताओं का पर्याय बन चुका है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है। डॉ रागिनी नायक ने कहा कि जैसे ही ‘काला-धन’ हम बोलते हैं तो 15 लाख याद आ जाते हैं, जो आपके, हमारे खातों में आने थे। यही वादा किया था मोदी ने। यहां तो उलटा जनता के खून-पसीने की कमाई उनकी जेब और उनका पेट काट के भाजपा नेता और उनके बेटे कथित तौर पर अपने खातों में डलवाने का काम कर रहे हैं। एक और वादा किया था मोदी ने ‘न खाऊंगा-न खाने दूंगा’। तो जनता को लगा कि मोदी शायद रिश्वतखोरी, कमीशनखोरी, मुनाफाखोरी की बात कर रहे हैं। इसीलिए वोट दिया, एक बार नहीं दो बार दिया। पर अब समझ आया कि ये सब तो मोदी की छत्र-छाया में फल-फूल रहे हैं और ‘न खाऊंगा-न खाने दूंगा’ असल में प्याज और टमाटर के लिए कहा गया था, अगर ऐसा नहीं है तो मोदी चुप क्यों हैं? शिवराज सिंह इस प्रकरण पर मौन व्रत क्यों धारण किये हैं, ‘खामोशी’ का मतलब ‘हां’ होता है।
बिचौलिया समझा रहा है फर्जीवाड़े
डॉ नायक ने कहा कि आज के नए वायरल वीडियो में चंडीगढ़ से पैसे ट्रांसफर करने की बात होती दिख रही है। बिचौलिया कह रही है कि हर महीने सीए बताएगा कि 50 करोड़ आने हैं या 100 करोड़ आने हैं या 500 करोड़ आने हैं। और देवेन्द्र बहुत ही मासूमियत से ठीक है, नो प्रोबलम’ कहते हुए प्रतीत हो रहे हैं। फिर वो पूछते हैं कि पहले महीने में कितना आएगा और बिचौलिया कहता है 250 करोड़। फिर बिचौलिए से कहते हैं कि तुम अपने अकाउंट में ले लो और वो कहता है कि 50 प्रतिशत इक्विटी स्टाक अपने पास रखिए।
2014 से 95 प्रतिशत रेड विपक्ष पर
डॉ नायक ने कहा कि 2014 से ईडी की 95 प्रतिशत रेड विपक्षी नेताओं के ऊपर पड़ी हैं। पिछले 5 साल में 44 बड़ी एनआईए, आईटी व ईडी की रेड मीडिया पर पड़ी है। ईडी के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा को मोदी सरकार लगातार एक्सटेंशन देती रही जिसे सुप्रीम कोर्ट तक ने गलत ठहराया। और चुनाव आते ही जांच एजेेंसियां भाजपा की पन्ना प्रमुख बन जाती हैं। प्रतिशोध की ज्वाला को किस तरह चुनाव के दौरान मोदी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में छापे मारी से शांत किया ये तो पूरी दुनिया ने देखा। तो अब जब 500 करोड़ रुपये की रिश्वत की बात होती दिख रही है, तो ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को सांप सूंघ जाएगा तो किसको दोषी माना जाएगा।