खजराना मंदिर पर सरकारी जमीन से हटाया कब्जा, 52 करोड़ की जमीन को कराया मुक्त

स्वतंत्र समय, इंदौर

नगर निगम जिला प्रशासन के निर्देशन में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई इन दिनों कर रहा है। इस क्रम में बुधवार को खजराना के सरकारी मंदिर के पास अवैध अतिक्रमण हटाकर करीब 52 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन मुक्त कराई गई।
कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी के निर्देशन में शासकीय जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई जिला प्रशासन का अमला कर रहा है। ग्राम खजराना के रोबोट चौराहे के समीप स्थित शासकीय मारुति मंदिर की भूमि पर अवैध रूप से कब्जे किए गए हैं। इसकी शिकायत के बाद कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए। एसडीएम जूनी इंदौर घनश्याम धनगर एवं तहसीलदार जगदीश रंधावा ने खजराना की बेशकीमती भूमि खसरा 532/1470, 532/1471 जो मारुति मंदिर व्यवस्थापक कलेक्टर जिला इंदौर के नाम पर दर्ज है कि जांच करवाई तो कब्जे की जानकारी मिली।
इनका मिला कब्जा
जांच में उक्त भूमि पर अतिक्रमण कर्ताओं प्रियंका पति अनूप जैन (वाइन शॉप की दुकान बनाकर ), सूर्य कुमार हसमत राय ( वाइन शॉप के सामने निर्माण कर ), गोपाल पिता सुखलाल माण्डरे (कांच की फैक्ट्री एवं दुकानें बनाकर ), शैलेन्द्र कुमार पिता बसंत जोशी ( दुकान एवं निर्माणाधीन मकान बनाकर ), सुरेश पिता हीरालाल अगलानी ( दुकानें बनाकर ), राजेन्द्र घोलप ( दुकानें बनाकर ), सावन लोकेश पिता राजेन्द्र घोलप (दुकानें बनाकर ) का अवैध कब्जा पाया गया।

57 हजार वर्गफीट की जमीन मुक्त कराई

उक्त भूमि से बेदखल करते हुए लगभग 57 हजार 350 वर्गफीट भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की गई। अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन का बाजार मूल्य 52 करोड़ 11 लाख 60 हजार रुपए है। अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई जिला प्रशासन के अमले के साथ ही नगर निगम एवं पुलिस विभाग के संयुक्त दल ने की।

मंदिर के पास बनाया था आश्रम

मंदिर के पुजारी ने बताया कि उन्होंने मंदिर के पास एक आश्रम बनाया था। टीम ने उसे भी गिरा दिया है। मंदिर के पुजारी और उनके वकील ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है।

फुटपाथ पर अतिक्रमण न करें: महापौर

मामले को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि नगर निगम की कार्रवाई लगातार जारी है। इसलिए फुटपाथ पर अतिक्रमण न करें। लोगों के आवागमन को सुलभ बनाएं। आगे कार्रवाई बहुत कठोरता से की जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी उन सब लोगों की होगी जिन्होंने अपनी दुकान आगे बढ़ा रखी है।