स्वतंत्र समय, सुरखी
नगर परिषद सुरखी स्थित पठा वार्ड के लोगों की कृषि भूमि पर बने कच्चे आशियाने वन विभाग ने अतिक्रमण के नाम पर तोडक़र जमीनदोज कर दिए हैं साथ ही इस लगभग डेढ़ सौ एकड़ के एरिया में जेसीबी और ट्रैक्टर से गरीबों द्वारा लगाए गए पेड़ पौधों को भी बेरहमी से रौंद दिया गया है। पीडि़तों का कहना है कि कार्यवाही से पूर्व उन्हें न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई सूचना दी गई। बगैर नोटिस तामील किये और बगैर सूचना के गरीब पिछड़ी अनुसूचित जाति के लोगों को कृषि भूमि से बेदखल कर दिया गया। इन गरीबों जमीन से बेदखल करने का प्लान वन विभाग ने ऐंसे समय में बनाया जब पूरे मध्यप्रदेश के साथ-साथ सागर जिला अंतर्गत सुरखी की विधानसभा में भी आचार संहिता लागू थी और चुनावी सरगर्मी तेज थी इसी शोरगुल के बीच इन गरीबों की आवाज दब गई अब चुनावी शोरगुल थमने के बाद इन लोगों ने मीडिया के सामने अपने आप बीती बताई और शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की चौखट पर न्याय दिलाने की गुहार लगा रहे हैं। वन विभाग की इस कार्यवाही को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं कि यह जमीन यदि वन विभाग की थी तो 25 वर्षों से कार्यवाही क्यों नहीं की गई और मुंह देख कर शासन प्रशासन कार्रवाई क्यों कर रहा है। किसी को बसाने और किसी को हटाने की वजह क्या है और हटाने से पहले नोटिस क्यों नहीं दिए गए। वहीं मामले में बेदखल किये गए लोगों ने जनसुनवाई में आवेदन देकर कलेक्टर के समक्ष भी न्याय की गुहार लगाई है।