स्वतंत्र समय, ललितपुर
कई वर्षों से गल्ला मण्डी में किसानों की उपज सुरक्षित रखने के लिए बनाये गये नीलामी चबूतरों पर व्यापारियों ने अवैध कब्जा कर हजारों की संख्या में खाद्यान्न के बोरे रख लिये गये थे। जिससे किसान अपनी उपज खुले आसमान के नीचे रखने को मजबूर थे। हैरत की बात यह भी है कि जिला प्रशासन मण्डी में कई अधिकारियों का बदलाव हुआ। यह समस्या समय-समय पर गगनभेदी आवाज के साथ उठी भी, बावजूद इसके मण्डी में तैनात अधिकारी व्यापारियों से सांठगांठ कर व्यापारियों को लाभ पहुंचाने में जुटे थे, तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने भी किसानों की खुले आसमान के नीचे असुरक्षित रखी उपज को सुरक्षित करने में रूचि नहीं ली। कुछ दिनों पहले एक घण्टे हुयी जोरदार बारिश से किसानों की उपज में मूंगफली नालियों में बह गयी थी, जिसके तमाम वीडियोज भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुयी। खूब समाचार भी लिखे गये, लेकिन इस बार प्रशासन ने किसानों की इस ज्वलन्त समस्या को बारीकी से समझा और किसानों को त्वरित न्याय दिलाते हुये नीलामी चबूतरों पर खाद्यान्न की हजारों बोरियां रखकर अवैध कब्जा किये पांच दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त कर दिये तो वहीं नीलामी चबूतरों को जल्द से जल्द खाली करने के आदेश जारी किये। इस मामले में जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के आदेश पर सभापति/अपर जिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव ने मण्डी सचिव पर भी प्रशासनिक हंटर चलाते हुये कार्यवाही कर दी। पूरे प्रकरण में व्यापारियों को समझ आ गया कि अब किसानों के अधिकारों को वह छीन नहीं सकेंगे और नीलामी चबूतरों को खाली कर दिया गया। शनिवार को सूचना विभाग के व्हाट्सएप समूह पर वायरल फोटोज के जरिए बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व अंकुर श्रीवास्तव ने गल्ला मण्डी में सभी नीलामी चबूतरे किसानों को प्रयोग करने के लिए खाली कराये गये हैं। हालांकि नीलामी चबूतरों के अवैध कब्जा से मुक्त होने के बाद अब किसानों की उपज किसी भी मौसम में सुरक्षित होगी।
लेकिन प्रशासन को भी यह ध्यान देना होगा कि व्यापारियों द्वारा फिर से नीलामी चबूतरों पर अवैध कब्जा न किया जा सके।