गार्ड के बेटे से धोनी का वादा…करोड़पति बन गया 

स्वतंत्र समय, रांची

रांची के ‘गेल’ नाम से मशहूर रॉबिन मिंज के पिता फ्रांसिस जेवियर मिंज आर्मी के रिटायर जवान हैं। 48 साल की उम्र में वह अब रांची एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं। 19 दिसंबर 2023 को इंडियन प्रीमियर लीग 2024 के ऑक्शन के दौरान वह पैसेंजर्स को बोर्डिंग पास दिलाने में मदद कर रहे थे। तब उनके 21 साल के बेट को खरीदने के लिए 2 पूर्व चैंपियन गुजरात टाइटंस और मुंबई इंडियंस के बीच होड़ लगी थी। गुजरात ने रॉबिन को 3.60 करोड़ में खरीदा। फ्रांसिस ने बताया कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह ने उनसे वादा किया था कि उनके बेटे को किसी ने नहीं खरीदा तो वह खरीद लेंगे। रॉबिन मिंज का परिवार आदिवासी समुदाय से आता है। वह गुमला जिले के तेलगांव का रहने वाला है। यह क्षेत्र हॉकी के लिए जाना जाता है। इसने कई विश्व स्तरीय हॉकी खिलाड़ी पैदा किए हैं। लकड़ा भाई-बहन बिमल, बीरेंद्र और असुंता इसके उदाहरण हैं। ये गुमला के ही रहने वाले हैं। खेल की वजह से पिता को सेना में नौकरी मिली फ्रांसिस भी खेलों में रुचि रखते थे और एथलेटिक्स के प्रति उनके प्रेम के कारण ही उन्हें सेना में नौकरी मिली। सेना में शामिल होने के बाद परिवार रांची चला गया। यहीं पर रॉबिन ने क्रिकेट को चुना और 2000 के दशक के अधिकांश बच्चों की तरह शहर के दिग्गज क्रिकेटर एमएस धोनी की तरह बनने की ख्वाहिश रखी।