ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे से दोगुना होंगे जमीनों के दाम

स्वतंत्र समय, भोपाल

ग्वालियर-आगरा सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के टेंडर जारी होते ही इसके अलाइनमेंट पर पडऩे वाले गांवों में जमीन में इंवेस्टमेंट की शुरूआत हो चुकी है। लोग एक्सप्रेस-वे के प्रस्तावित अलाइनमेंट के अगल-बगल जमीनें खरीदने के इच्छुक नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि अब इन गांवों में किसानों से संपर्क कर जमीनों के सौदों के बारे में बातचीत शुरू की गई है।
उधर, नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन के अनुसार मध्यप्रदेश के 18 गांवों की 151 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें मुरैना के 17 गांवों की 150 हेक्टेयर और ग्वालियर के सुसेरा में 1.317 हेक्टेयर जमीन शामिल है। यह शासकीय और निजी खाते की भूमि है। सिंचित और असिंचित भूमि की कलेक्टर गाइडलाइन कम होती है। इसका जब अधिग्रहण होगा, तो कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से किया जाएगा।
एक्सप्रेस-वे के किनारे जमीनों को लेकर बड़ी तैयारी: एक्सप्रेस-वे के लिए चिह्नित भूमि के अगल-बगल की जमीनों के दाम अगली कलेक्टर गाइडलाइन में दोगुना तक हो जाएंगे, क्योंकि ये प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे किनारे की भूमि होगी। इसके अलावा लोग भी एक्सप्रेस-वे के किनारे जमीनें लेकर नए उद्योगों सहित अन्य बिजनेस खोलने की तैयारियों में जुट गए हैं। यही कारण है कि एनएचएआइ के कार्यालय में भी लोग यह जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं कि किस-किस सर्वे नंबर की भूमि अधिग्रहित की जाएगी। वे अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के पास ही जमीन खरीदने की इच्छा जता रहे हैं।

मुरैना के 17 गांवों की भूमि का होगा अधिग्रहण

इस सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गत सात दिसंबर को गजट नोटिफिकेशन जारी किया है।
इस गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक मुरैना जिले की अंबाह तालुका के अंतर्गत ग्राम ऐसाह, लहर और दिमनी में कुल 133 सर्वे नंबरों की 29.582 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसी प्रकार ग्राम कोतवाल, नाका, बसहरी, पिलुआ, बिसेटा, गुलेंद्रा, रंचोली, खिरावली, रांसु, नयागांव, गडाजर, पिपरसेवा, पिनावली, उरहना में अलग-अलग 556 सर्वे नंबरों की 120.558 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। इसके लिए 28 दिसंबर तक दावे-आपत्ति मांगे गए हैं।

एनएचएलएम शुरू करेगी लाजिस्टिक पार्क की कवायद

इस लाजिस्टिक पार्क की जिम्मेदारी एनएचएआइ की सहयोगी संस्था नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी (एनएचएलएम) को सौंपी गई है। एनएचएलएम की टीम जल्द ही इसके लिए सर्वे की शुरूआत करेगी। संभावना जताई जा रही है कि मुरैना जिले के पिपरसेवा गांव में मौजूद उद्योग विभाग के औद्योगिक क्षेत्र का चयन इस लाजिस्टिक पार्क के लिए किया जाएगा।