घंटाघर और दाधीच पार्क को अतिक्रमणकर्ताओं से कब मिलेगी मुक्ति

स्वतंत्र समय, शाजापुर

शहर को व्यवस्थित व सुंदर बनाने के लिए निगम प्रशासन, जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी संयुक्त रूप से सडक़ों पर लाव-लश्कर के साथ उतरकर अतिक्रमणकर्ताओं को समझाईश देकर उन्हें हटने के लिए ताकीद दे रहे हैं।
पिछले दो-तीन दिनों से रोज अलग-अलग क्षेत्र में कार्रवाई कर शहर को स्वच्छ सुंदर व अतिक्रमण से मुक्त करने की मुहिम चलाई जा रही है। एक ओर पूर्व में ब्रिटिशकालीन दाधीच पार्क को खत्म करके वहां पार्किंग स्थल बना दिया गया। वहीं इसके आसपास लगने वाले चाट चौपाटी के ठेले वालों को भी विस्थापित कर नए ओवरब्रिज के पास कर दिया गया था। वर्तमान में यह ठेले वाले फिर सिनेमा चौक स्थित दाधीच पार्क के पास फिर से लगने लगे हैं। इसी से समझा जा सकता है कि संयुक्त कार्रवाई कितनी कारगर और ठोस होती है। उक्त टिप्पणी करते हुए समाजसेवी गणेश भावसार ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर हर वर्ष करवाई तो की जाती है, लेकिन धरातल पर यह कार्रवाई कितनी कारगर साबित होती है, यह सभी जानते हैं। श्री भावसार ने आगे कहा कि शहर का हृदय स्थल घंटाघर चारों ओर से अतिक्रमणकर्ताओं से घिरा है। इस ओर निगम ध्यान ही नहीं देता। यहां पर भी पूर्व में कार्रवाई की गई थी, लेकिन वर्तमान में यहां पर इतना अधिक अतिक्रमण हो गया है। त्योहारों पर इस क्षेत्र में पैर रखने की जगह तक सडक़ों पर नहीं रहती है। खरीदी करने निकले लोग से सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र में परेशान होते हैं। फिर भी निगम का अतिक्रमण दस्ता कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। गौर करने वाली बात तो यह है कि यहां पर स्वतंत्रता संग्राम के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सभा को संबोधित किया था। इस स्थान पर चबूतरा बनाकर स्वतंत्रता संग्राम की पट्टिका लगी है, लेकिन अतिक्रमण कर्ताओं ने उसे भी घेर लिया है। इसको लेकर पूर्व में भी आवाज़ उठी थी, लेकिन समय के साथ वह भी दब गई।