चांदी हमारी आत्मा है और पुण्य रीठा है: मुनि श्री अजित सागर

स्वतंत्र समय, सागर

मुनि श्री अजित सागर महाराज ने वर्धमान कॉलोनी स्थित जिनालय में अपने प्रवचनों में कहा यह कॉलोनी चांदी वालों के नाम से प्रसिद्ध है और चांदी की सफाई के लिए हम रीठा से घिसते हैं तब उसमें चमक आती है इसी प्रकार पुण्य भी रीठा की तरह है जो हमारी आत्मा जो चांदी की तरह है इसे भी पुण्य से घिसते जाओ इससे हमारी आत्मा की कालिख धूल सकती है। पंचकल्याणक महोत्सव में आपको यह बताया जाता है कि आपने अपने परिणाम को कैसा बनाया है आप अपने आदर्शों की प्रति कितने निष्ठावान है दुनिया की सामग्री आपके साथ जाने वाली नहीं है साथ जाने वाला सिर्फ पुण्य है आप कितने भी हीरे मोती जोड़ लो वह सब यहीं रखें रह जाएंगे लेकिन चंद दिनों की जिंदगी में जो पुण्य अपने जोड़ा है वही आपके साथ जाएगा।

मुनि श्री ने कहा व्यक्ति को कसाय से दूर रहना चाहिए धर्म करना आसान है लेकिन लोग कसाय को आसान मानते हैं यदि आपको भगवान बनना है तो भगवान बनने का इतिहास पढऩा होगा और उस मार्ग पर आपको चलना होगा कर्म सिद्धांत पर आपको हमेशा भरोसा करना होगा। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि 19 नवंबर से 25 नवंबर तक वर्धमान कॉलोनी में होने वाले पंच कल्याण गजरथ महोत्सव के पहले दिन 19 नवंबर को बड़ा बाजार स्थित मोराजी जैन मंदिर से दोपहर 12 बजे से घटयात्रा प्रारंभ होगी और गुजरथ स्थल उदासीन आश्रम के पास पहुंचेगी जहां पर मुनि संघ के सानिध्य में बाल ब्रह्मचारी विनय भैया बंडा सभी प्रमुख पात्रों और इंद्र इंद्राणियों की पात्र शुद्धि करायेगे 20 नवंबर से कार्यक्रम शुरू होगा।