स्वतंत्र समय, भोपाल
केंद्र की 9 सालों की उपलब्धियों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार जल्द देश में विकसित भारत संकल्प यात्रा निकालने जा रही है। यह यात्रा देश के 765 जिलों में निकलने वाली है और इसमें एमपी के भी 55 जिले शामिल हैं लेकिन चुनाव होने तक यह यात्रा एमपी में नही निकाली जा सकेगी। इस यात्रा में आईएएस, आईएफएस, आईआरएस समेत अन्य अखिल भारतीय सेवाओं में वरिष्ठ पदों पर काम करने वाले अफसरों को जिलो में भेजकर योजनाओं का प्रचार कराने की तैयारी थी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने एक सप्ताह पहले जारी किए गए केंद्र सरकार के सर्कुलर को लेकर कहा कि चूंकि एमपी में चुनाव हो रहे हैं। इसलिए यात्रा यहां चुनाव होने तक नहीं निकाली जा सकेगी क्योंकि आचार संहिता लागू रहने के दौरान अधिकारी कर्मचारी को योजनाओं का प्रचार प्रसार नहीं करना है। इसलिए जब चुनाव हो जाएंगे तो केंद्र या राज्य सरकार इस मामले में कार्यवाही कर सकेंगे। उन्होंने इस तरह के सर्कुलर की जानकारी से भी इनकार किया है।
यह है केंद्र सरकार की प्लानिंग
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार ये यात्रा देश की करीब 2.7 लाख ग्राम पंचायतों से होकर गुजरेगी। इसमें केंद्र में पदस्थ संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव स्तर के उच्च रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाकर देश के सभी 765 जिलों में तैनात किया जाना है। ये सभी केंद्र सरकार की नौ साल की योजनाओं को पूरे देश में पहुंचाने का काम करेंगे। पीएम मोदी ने इसके लिए छह महीने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
नवंबर में शुरू होनी है यात्रा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की तरफ 18 अक्टूबर को जारी एक सर्कुलर में विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से भारत सरकार की पिछले 9 वर्षों की उपलब्धियों का प्रदर्शन, उत्सव मनाने की बात कही गई है। इसके संबंध में कृषि सचिव के एक पत्र का हवाला दिया गया है। इसके अनुसार 20 नवंबर 2023 से 25 जनवरी 2024 तक देशभर में ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना के प्रसार, जागरुकता और सेवाओं का प्रसार करना है। कांग्रेस ने इस मामले में प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग से भी शिकायत कर हस्तक्षेप करने की मांग की है।