चुनाव में आरएसएस की एंट्री

स्वतंत्र समय, ग्वालियर
भाजपा के मूल आधार आरएसएस की दबे पांव विधानसभा चुनाव एंटी हो गई है। संघ ने ग्वालियर चंबल की सबसे पहले उन सीटों पर फोकस किया है जिन पर पिछले चार से पांच चुनाव से भाजपा जीत के लिए तरस रही है। संघ ने इन क्षेत्रों में सीधे चुनाव-प्रचार न करते हुए विचारधारा से जुडे लोगों को भाजपा के पक्ष में सक्रिय करने के लिए अपनी टोलियों को चुनावी समर में उतार दिया है। बैठकों का दौर शुरू हो चुका है।

चुनाव की रणनीति पर मंथन

प्रत्याशियों को भी राट्रोत्थान न्यास नई सडक पर बुलाकर उनसे चुनाव की रणनीति पर मंथन करते हुए पूछा जा रहा है कि उन्हें किन-किन क्षेत्रों में संघ की मदद की आवश्यकता है ताकि उन्ही क्षेत्रों में स्वयं सेवकों को मोर्चा संभालने के लिए भेजा जाए। हालांकि संघ चुनाव की सक्रिय राजनीति से दूर रहता है। अब भी संघ की प्रत्यक्ष रूप से चुनाव में कोई भागीदारी नहीं होगी। यह बात दायित्ववानों को बता दी गई है। केवल विचारधारा के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की मदद करनी है, क्योंकि राममंदिर, धारा 370 हटने, तीन तलाक जैसे मुद्दों पर राजनीति में मजबूती से ही सफलता मिली है।