स्वतंत्र समय, इंदौर
प्रदेशभर में आज नई सरकार को चुनने के लिए मतदान हो रहा है। इंदौर जिले की नौ विधानसभा सीटों पर अंतिम समय में कांग्रेस और भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। जिले में कई सीटें परम्परागत मानी जाती हैं लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है। इस बार कोई भी पार्टी और प्रत्याशी मुगालते में नजर नहीं आते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण जनता का खुलकर सामने नहीं आना और चुप्पी साध लेना है। यह चुप्पी किस करवट बैठेगी, यह तो तीन दिसंबर को आने वाले रिजल्ट ही बताएंगे लेकिन इससे उम्मीदवारों की धडक़नें जरूर बढ़ गई हैं। कोई भी पार्टी अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। भले ही उम्मीदवार अपनी जीत का दावा करें लेकिन साथ ही वो किसी मुगालते में भी नहीं है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाजपा के नरेंद्र मोदी और कांग्रेस से प्रियंका गांधी सहित अन्य बड़े नेताओं की लगातार सभाएं व रोड शो होना है।
इंदौर जिले की नौ विधानसभा सीटों में पिछले 15 दिनों से जमकर प्रचार अभियान चला। सभी पार्टियां और उम्मीदवारों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी। उन्होंने अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ी, जबकि कई सीटों पर पहले कुछ उम्मीदवारों के जीत की खुली भविष्यवाणियां की गई थी। अब यह भी अपने आप को सैफ जोन में लाने की जुगत में है। भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही पूरा जोर लगा रहे है तो आप अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है। वहीं महू व देपालपुर में निर्दलीयों ने दोनों ही पार्टियों की जान सांसत में कर रखी है।
शीर्ष नेतृत्व ने लगाया पूरा जोर
संभवत: विधानसभा चुनावों में यह पहली बार हुआ है कि दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व ने ऐसी सीटों पर जोर लगाया है, जहां पर उनकी जीत के दावे किए जा रहे थे। भाजपा का प्रमुख चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा क्रमांक एक, तीन और चार में रोड शो कर माहौल बनाने की कोशिश कर चुके हैं जबकि विधानसभा क्रमांक चार तो भाजपा का गढ़ मानी जाती है तो विधानसभा क्रमांक एक में भाजपा के सबसे कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय चुनाव लड़ रहे हैं। उधऱ विधानसभा क्रमांक तीन में भी पिछली बार भाजपा यानी कैलाशजी के बेटे आकाश विजयवर्गीय विधायक थे, यानी वो भी सेफ जोन की ही सीट कही जाना चाहिए। इसके बाद भी इन्हीं तीन सीट पर फोकस करना बहुत कुछ कहता है।
पार्टी-प्रत्याशियों की नींद उड़ी
इंदौर में हमेशा से हर बार मतदाता भाजपा या कांग्रेस के उम्मीदवारों या पार्टी के पक्ष में खुलकर सामने आता है। इस बार भी यह स्थिति पूरी तरह नहीं है। अधिकांश मतदाता इस बार चुप्पी साधे हुए हैं। किसे वोट देंगे, इस सवाल पर उनका जवाब सीधा नहीं होकर चुनाव के दिन देख लेने वाला होता है। कट्टर समर्थकों तो खुलकर सामने हैं लेकिन परम्परागत कहे जाने वाले वोटर का खुलकर सामने नहीं आने से पूरे जिले में माहौल भी नजर नहीं आ रहा है। इस बार हर घर झंडे-बैनर भी खुलकर नहीं दिख रहे हैं। खुद आगे रहकर प्रचार करने वाला या आगे आने वाला मतदाता भी इस बार गायब है। इस सबसे पार्टियों और प्रत्याशियों की नींद उड़ी हुई है। इससे हो सकता है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अप्रत्याशित रिजल्ट सामने आए।
नौ में से दो-दो सीट ही सुरक्षित मान रहे
वोटिंग के एक दिन पहले तक अब स्थिति साफ हो चुकी है। भाजपा विधानसभा दो और विधानसभा चार को ही सुरक्षित मान रही है तो कांग्रेस राऊ और देपालपुर को सुरक्षित मानकर चल रही है। बाकी बची पांच सीटों पर मुकाबला कड़ा है। विधानसभा एक में कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला के बीच कांटे की टक्कर है तो विधानसभा तीन में पिछली बार जीत का अंतर मामूली था और इस बार जीते हुए विधायक के स्थान पर गोलू शुक्ला चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ लड़ रहे कांग्रेसी पिंटू जोशी से मुकाबला भी फंसा हुआ है। विधानसभा पांच में सत्यनारायण पटेल और महेंद्र हार्डिया के बीच मुकाबला भी कड़ा है क्योंकि यहां पर भी कम अंतर की हार-जीत हुई थी। सांवेर में तुलसी सिलावट तो राऊ में जीतू पटवारी के सामने चुनौती है। महू में उषा ठाकुर की सीट भी निर्दलीय अंतर सिंह दरबार के कारण फंसी हुई है। वहीं देपालपुर में भी निर्दलीय राजेन्द्र चौधरी के कारण गणित डगमगाया हुआ है।
किसके बीच मुकाबला
विधानसभा एक कैलाश विजयवर्गीय (भाजपा) संजय शुक्ला (कांग्रेस)
विधानसभा दो रमेश मेंदोला (भाजपा) चिंटू चौकसे (कांग्रेस)
विधानसभा तीन गोलू शुक्ला (भाजपा) पिंटू जोशी (कांग्रेस)
विधानसभा चार मालिनी गौड़ (भाजपा) राजा मंधवानी (कांग्रेस)
विधानसभा पांच महेन्द्र हार्डिया (भाजपा) सत्यनारायण पटेल (कांग्रेस)
विधानसभा राऊ मधु वर्मा (भाजपा) जीतू पटवारी (कांग्रेस)
विधानसभा महू उषा ठाकुर (भाजपा) रामकिशोर शुक्ला (कांग्रेस)
विधानसभा सांवेर तुलसी सिलावट (भाजपा) रीना बौरासी (कांग्रेस)
विधानसभा देपालपुर मनोज पटेल (भाजपा) विशाल पटेल (कांग्रेस)
(महू में अंतर सिंह दरबार (निर्दलीय) और देपालपुर में राजेन्द्र चौधरी (निर्दलीय) भी हैं मुकाबले में) कांग्रेस लोकल नेताओं के भरोसे
उधर दूसरी ओर कांग्रेस की शीर्ष नेत्री और गांधी परिवार की प्रियंका गांधी ने भी क्षेत्र क्रमांक एक और सांवेर में रोड शो किया। वही क्षेत्र क्रमांक पांच में सभा की। विधानसभा क्रमांक पांच में कांग्रेस अपने आप को सेफ दिखा रही है तो विधानसभा क्रमांक एक में उसके मौजूदा विधायक संजय शुक्ला है। वही सांवेर में रीना बौरासी जरूर नई उम्मीदवार है। इसके अतिरिक्त राजनाथ सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर शिवराजसिंह, अश्विनी वैष्णव तक के शीर्ष नेता भाजपा की ओर से लगातार प्रचार अभियान में जुटे हैं। कांग्रेस जरूर इस मामले में थोड़ी पिछड़ी नजर आती है। वो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के भरोसे ही है। बीच-बीच में दूसरे प्रदेशों के विधायक व नेता आ रहे हैं, लेकिन कोई बड़ा नाम प्रचार के लिए नहीं आया है। वो पूरा फोकस लोकल नेताओं के साथ अपने संगठन और वन-टू-वन मार्किंग पर कर रही है।