स्वतंत्र समय, बीना
परीक्षा परिणाम में हुई गड़बडिय़ों को लेकर छात्रोंओं में आक्रोश आज भी है आक्रोश आखिर थमने का नाम नहीं ले रहा उल्लेखनीय है कि शासकीय कन्या महाविद्यालय में पढऩे वाली छात्राओं के परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी के चलते छात्राओं का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है। परीक्षा परिणाम को लेकर छात्राओं ने कॉलेज को स्टाफ पर भेदभाव का आरोप लगाकर भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्राओं में आक्रोश आज भी है। शासकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राएं अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद छत्रसाल विश्व विद्यालय प्रबंधन से परीक्षा परिणाम मे सुधार नही हो रहा है। परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्राओं में आक्रोश है। छात्राओं ने यह लगाए आरोप लगाए हैं। बीए प्रथम वर्ष की छात्रा अपूर्वा परिहार ने आरोप लगाते हुए कहा कि हम लोगों को जानकारी मिली है कि यहां के जो स्टाफ मेंबर्स है उनके घर परिवार वालों के नंबर सीसीए में बढ़ाए गए हैं। जिससे वह लोग पास हो गए हैं और हम लोगों को यह भी सूचना मिली है कि यहां पर जो एमए के स्टूडेंट है उनके सीसीए के नंबर बढ़ाकर उनको पास कर दिया गया है। यहां स्टाफ में बहुत सारी गड़बड़ी चल रही है।
विधायक को यहां पर स्टाफ मेंबर्स को देखना चाहिए और यहां पर अभी यह भी पता चला है हम लोगों को जो सीसीए के नंबर शिक्षकों ने दिए थे वह यहां पर नहीं भरे गए हैं, तो कॉलेज से गड़बड़ी चल रही है, वहां पर विश्वविद्यालय में तो अलग गड़बड़ी चल रही है। यहां पर कॉलेज वालों को यह नहीं करना चाहिए कि आप अपने व्यवहार वाले का तो नंबर बढ़ा रहे हैं बाकी छात्राओं का क्या होगा। ऐसी 150 छात्राएं है, जिनके परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी हुई है। ऐसी कई छात्राएं हैं इस कॉलेज में जो गांव से आती हैं, लेकिन उनको फेल कर दिया है। उन्हें एक-एक नंबर दिए गए हैं और प्रैक्टिकल में सीसीए के नंबर अच्छे से नहीं भरे गए हैं। बीए प्रथम वर्ष की अन्य छात्रा रिमशा खान ने कहा कि कॉलेज में क्लास भी नहीं लगाई जाती है। जब विधायक आए थे, तो हम लोगों ने बात रखने की कोशिश की थी लेकिन प्राचार्य ने उनसे बात करने नहीं दिया। सप्लीमेंट्री के बाद कॉलेज प्राचार्य ने हम लोगों से कहा कि वह 2019-20 की छात्राएं हैं इसलिए इन लोगों का कुछ नहीं होगा।
इन मांगों को लेकर छात्राओं में आक्रोश
परीक्षा परिणाम आने के बाद कई छात्राओं को पूरक, तो कुछ को फेल कर दिया गया है। यही नहीं परीक्षा देने के बाद भी छात्राओं को अनुपस्थित दर्शाया गया है। छात्रा अपूर्वा परिहार ने बताया कि उसने दो बार पूरक परीक्षा दी और जब तीसरी बार परीक्षा परिणाम आया तो उसे फेल कर दिया। विश्वविद्यालय की लापरवाही से एक ही कक्षा में 3 साल खराब हो गए हैं। छात्रा ने यह भी बताया कि परीक्षा परिणाम समय पर नहीं आया और जब आया तो उसमें उसे फेल कर दिया और उसने द्वितीय वर्ष की 9 हजार रूपए फीस भी जमा कर दी।
इनका कहना है
80 प्रतिशत रिजल्ट सुधार कर दिया जो छात्राएं आरोप लगा रही हैं वह निराधार हैं। दो छात्रा अपूर्व परिहार और रिमशा खान वर्ष 2021 की छात्राएं हैं। 2021 में इन छात्राओं को सप्लीमेंट्री आई थी। 2022 में विश्वविद्यालय ने फिर से मौका दिया उसमें भी फेल हो गई। 2023 में भी दोनों छात्राएं फेल हो गई। सीसीए में दोनों छात्राएं पास जबकि थ्योरी में सप्लीमेंट्री आई है। पिछले दिनों जो छात्राओं ने परीक्षा परिणाम को लेकर नाराजगी जाहिर की थी उसे विश्वविद्यालय ने सुधार कर दिया है। 80 प्रतिशत रिजल्ट छतरपुर विश्वविद्यालय ने सुधार कर दिया है। इन दोनों छात्राओं के प्रवेश कॉलेज में नहीं हैं।
-चन्द्रा रत्नाकर, प्राचार्य।