एजेंसी, पटना
बिहार सरकार ने सोमवार को जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही बिहार जातीय गणना के आंकड़े जारी करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27 प्रतिशत हैं। सबसे ज्यादा 14.26 प्रतिशत यादव हैं। ब्राह्मण 3.65 प्रतिशत, राजपूत (ठाकुर) 3.45 प्रतिशत हैं। सबसे कम संख्या 0.60 प्रतिशत कायस्थों की है।
सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को जारी की गई जातीय गणना रिपोर्ट का विवरण साझा करने के लिए मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने राज्य की नौ पार्टियों से इस बैठक में हिस्सा लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार जातीय गणना और सर्वेक्षण की विस्तृत जानकारी देगी। बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय गणना पर एक किताब जारी की है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। इसमें 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं। अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत है। बिहार की आबादी में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान हैं।