स्वतंत्र समय, कटनी
जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम सामने आ चुके हैं। कांग्रेस में जहां हार को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है तो वहीं भाजपा में जीत की खुशी देखी जा रही है। इस बार के चुनाव में करीब 8 हजार से अधिक मतदाता ऐसे रहे, जिन्होंने किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया है। ऐसे मतदाताओं की तादात विजयराघवगढ़ और बड़वारा में ज्यादा रही। बड़वारा में जहां 3 हजार 386 तो वहीं विजयराघवगढ़ में 3 हजार 398 मतदाताओं ने उपरोक्त में से कोई नहीं मतलब नोटा का विकल्प चुना। खास बात यह है कि जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में 33 उम्मीदवार ऐसे रहे, जिन्हें नोटा से भी कम मिले। बड़वारा और विजयराघवगढ़ की तुलना में मुड़वारा में 969 एवं बहोरीबंद 465 मतदाताओं ने किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया।
विजयराघवगढ़ में भाजपा-कांग्रेस के बाद नोटा को मिले सबसे अधिक वोट: विजयराघवगढ़ विधानसभा का चुनाव परिणाम चौकाने वाला नहीं, बल्कि सबक सिखाने वाला जरूर है। यहां 1 लाख 81 हजार 549 मत ईव्हीएम मशीन में पड़े थे। भाजपा के संजय पाठक को 98 हजार 10 मत मिले है, जो अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के नीरज सिंह से 24 हजार 348 मतों के अंतर से शानदार जीत दर्ज करते हुए पांचवी विधानसभा पहुंच रहे हैं। कांग्रेस के नीरज सिंह को 73 हजार 604 वोट हासिल हुए, जो दूसरे नंबर पर है। यहां तीसरे नंबर पर कोई उम्मीदवार नहीं है, बल्कि
नोटा में 3398 वोट पड़े हैं, यानी इतने वोटरों को कोई भी उम्मीदवार पसंद ही नहीं आया है। तीसरे नंबर पर नोटा में वोट पड़े तो चौथे नंबर पर विजयराघवगढ़ में गोंगपा और बहुजन के उम्मीदवार लईक अहमद कुरैशी को 3192 मत हासिल हुआ।
सपा से अधिक निर्दलीय को मिले वोट: विजयराघवगढ़ में साइकिल पर सवार होकर विधायक बनने की चाह लेकर मैदान में उतरे राममिलन विश्वकर्मा को 1538 वोट ही मिले। ये सपा के उम्मीदवार थे, इनसे अधिक निर्दलीय उम्मीदवार रामभुवन त्रिपाठी को 1817 वोटरों ने पसंद किया। आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार रश्मि श्रीवास्तव को 1063 लोगो ने वोट किया है, जबकि बहुजन मुक्ति पार्टी के उम्मीदवार पत्रकार हरकेश चौधरी को 224 वोट पाकर संतोष करना पड़ा। इधर निर्दलीय उम्मीदवार नीरज सिंह बघेल के अंगूठी चुनाव चिन्ह को विजयराघवगढ़ विधानसभा के 374 वोटरों ने पसंद करते हुए वोट दिया है।
बड़वारा में 4, बहोरीबंद में 7 एवं मुड़वारा में 11 उम्मीदवारों को मिले नोटा से भी कम मत: मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में 969 मतदाताओं ने किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया है। मतलब उपरोक्त में से कोई नहीं…नोटा का विकल्प चुना था। मुड़वारा से कुल 18 उम्मीदवारों ने भाग्य अजमाया था, जिसमे से भाजपा प्रत्याशी संदीप जायसवाल ने जीत दर्ज की। निकटमत उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के मिथलेश जैन रहे। मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में 11 उम्मीदवार ऐसे रहे, जिन्हें नोटा से भी कम मत मिले हैं। यहां अरूण पटेल पीपुल्स पार्टी आफ इंडिया को 622, गुलाब भाई वंशकार लोक जन शक्ति पार्टी को 281, डॉ बी के पटेल पिछड़ा समाजवादी पार्टी को 679, मनीष बैन आपका गणतंत्र पार्टी को 218, मोहम्मद जावेद आजाद समाज पार्टी को 401, राजकुमार बख्शी इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी को 141, विन्देश्वरी पटेल लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी को 280, संदीप नायक समाजवादी पार्टी को 396, आकाश पाठक निर्दलीय को 660, राकेश गोस्वामी निर्दलीय को 596 एवं सागर कुमार तोमर निर्दलीय को 349 मत मिले, इसकी तुलना में नोटा में 969 मत मिले। इसी तरह बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में 465 मतदाताओं ने उपरोक्त में से कोई नहीं नोटा का विकल्प चुनाव था। बहोरीबंद से 18 उम्मीदवारों ने भाग्य अजमाया, जिसमे भाजपा प्रत्याशी प्रणय पांडे ने जीत दर्ज की। निकटमत उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के सौरभ सिंह रहे। बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में 7 उम्मीदवार ऐसे रहे, को नोटा से भी कम मत मिले हैं। यहां पिंकी बर्मन को 333, पंकज मौर्य को 141, फूलचंद पटेल को 162, बारे लाल को 238, अनिल को 275, नरेश कुमार को 206 एवं राकेश कुमार सोनकर को 323 मिले, इसकी तुलना में नोटा में 465 मत मिले। बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में 3386 मतदाताओं ने किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया है। मतलब उपरोक्त में से कोई नहीं…नोटा का विकल्प चुना था। बड़वारा से कुल 8 उम्मीदवारों ने भाग्य अजमाया था, जिसमे से भाजपा प्रत्याशी धीरेन्द्र सिंह ने जीत दर्ज की। निकटमत उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के विजयराघवेन्द्र बसंत सिंह रहे। बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में 4 उम्मीदवार ऐसे रहे, जिन्हें नोटा से भी कम मत मिले हैं। यहां सुश्री कुन्ती कोल समाजवादी पार्टी को 519, जवाहर सिंह निर्दलीय को 466, सुरेश कोल कम्यूनिस्ट पार्टी को 3316 एवं दुर्गा मौसी निर्दलीय को 1521 मत मिले, इसकी तुलना में नोटा में 3386
मत मिले।