जूते पहनकर माल्यार्पण करने के चार दिन बाद विवि प्रबंधन ने किया खेद व्यक्त

स्वतंत्र समय, सागर

सागर सहित समस्त बुंदेलखण्ड के लिए डॉ हरीसिंह गौर देवपुरुष कम नहीं हैं जिन्होंने बुंदेलखण्ड जैंसे पिछड़े क्षेत्र में अपने जीवन की समस्त पूंजी दान करके यहां के लोगों को शिक्षा का प्रकाश दिया। गौर साहब को लेकर समस्त बुंदेलखण्ड सहित प्रदेश के लोगों में श्रद्धा का भाव है, ऐंसे में उनकी जयंती पर उन्हीं के द्वारा स्थापित किये विश्वविद्यालय की कुलपति द्वारा डॉ गौर की प्रतिमा पर जूते पहनकर माल्यार्पण कर शहरवासियों की भावनाओं को आहत किया गया। इतना ही नहीं जब यह बात सामने आई तो शुरूआती दौर में विवि प्रबंधन इसको लेकर अपनी सफाई देता रहा जब चारों तरफ छात्र संगठन तथा शहरवासियों के विरोध के स्वर बुलंद हुए तो घटना के चार दिन बाद एक खेद पत्र विवि प्रबंधन के मीडिया प्रभारी द्वारा जारी किया गया। जिसमें कुलपति, प्रभारी कुलसचिव तथा विवि के समस्त प्रबंधन की ओर कहा गया कि….यदि जनभावनाएं आहत हुई हैं तो उसके लिए हृदय से
खेद है।
खेद पत्र में लिखा है कि विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं पितृपुरुष डॉ.हरिसिंह गौर के प्रति विश्वविद्यालय परिवार की आस्था और सम्मान सदैव अक्षुण्ण है। गौर जयंती के अवसर पर आयोजन के दौरान हुई मानवीय त्रुटि से जाने-अनजाने में यदि जन भावनाएं आहत हुई हैं तो उसके लिए कुलपति और प्रभारी कुलसचिव ने स्वयं एवं सभी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस के लिए हृदय से खेद व्यक्त किया है। साथ ही सभी संबंधितों से विश्वविद्यालय के अकादमिक वातावरण को समृद्ध बनाए रखने में पूर्व की भांति अपना रचनात्मक सहयोग देने की अपील की है।
गौरतलब है कि 26 नवंबर को डॉ. हरिसिंह गौर की 154वीं जयंती पर सागर के तीनबत्ती स्थित गौर मूर्ति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.नीलिमा गुप्ता समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए थे। जहां उन्होंने जूते पहनकर डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था। मामला सामने आते ही विरोध शुरू हो
गया है।
गौर साहब की प्रतिमा के समक्ष कुलपति मांगे माफी
मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विरोध प्रदर्शन कर रहा है। ईसी की बैठक में हंगामे के बाद परिषद के पदाधिकारियों ने बुधवार को यूनिवर्सिटी में सद्बुद्धि यज्ञ किया। वे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने जमा हुए। जहां गेट के सामने विश्वविद्यालय की कुलपति और अन्य अधिकारियों को सद्बुद्धि देने के उद्देश्य से पंडितों के मंत्रोच्चारण के साथ सद्बुद्धि यज्ञ किया गया। यज्ञ के बाद छात्रों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय सहमंत्री सावन सिंह ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति ने गौर जयंती के दिन गौर प्रतिमा पर जूते पहनकर माल्यार्पण किया था। उनको इसके लिए गौर साहब की मूर्ति के समक्ष जाकर माफी मांगनी चाहिए। यदि वे माफी नहीं मांगती हैं तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। आज सद्बुद्धि यज्ञ किया गया और गुरुवार से विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।