स्वतंत्र समय, इंदौर
डॉक्टर को धरती पर दूसरा भगवान कहा जाता है और एमवायएच जिसे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का तमगा मिला है, वहां दूरदराज से आए मरीजों की आस ओर बढ़ जाती है। बगल में ही इस परिसर में कुछ वक्त पहले सुपर स्पेशलिटी में भी विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध हैं। ऐसे यशस्वती अस्पताल में शनिवार को घायल मरीज के साथ बेरहमी से थप्पड़ जडऩे और गालियां देने का वीडियो वायरल हुआ है। हादसे में घायल मरीज की पर्ची पर एचआईवी पॉजिटिव लिखा देकर जूनियर डॉक्टर बौखला गया और उसने मरीजों पर दनादन चांटे जड़े। घटना से परिजन सकते में आ गए। वीडियो वायरल होते ही विभागाध्यक्ष ने ऑर्थोपेडिक के जूनियर डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पिटाई का कारण पेशेंट का एचआईवी पॉजिटिव होना था। बताया जा रहा है कि पेशेंट ने खुद के एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी साझा नहीं की थी। इससे गुस्साए डॉक्टर ने उसे एक के बाद एक कई थप्पड़ जड़ दिए। जूनियर डॉक्टर का नाम आकाश कौशल बताया जा रहा है।
निजी अस्पताल की पर्ची पर लिखा था पॉजिटिव
सांवेर रोड निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति बीती रात सडक़ दुर्घटना में घायल हो गया था। परिवार के लोग उसे एमवाय हॉस्पिटल लाए थे। यहां केजुअल्टी में एक जूनियर डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू किया। इसी दौरान एमवाय हॉस्पिटल की पर्ची के साथ पेशेंट की पहले की हिस्ट्री की एक प्राइवेट हॉस्पिटल की भी पर्ची लगी थी। उक्त डॉक्टर ने पहले पेशेंट को देखा और फिर पर्ची देखी तो प्राइवेट हॉस्पिटल की पर्ची पर उसका एचआईवी पॉजिटिव होना लिखा था।
थप्पड़ जड़ता रहा डॉक्टर, मरीज ने कहा मेरी हालत ठीक नहीं
पेशेंट के भतीजे कपिल ने बताया कि पर्ची पर जूनियर डॉक्टर ने एचआईवी पॉजिटिव देखा। इस पर वह आगबबूला हो गया। उन्होंने पेशेंट को कहा कि मुझे पहले क्यों नहीं बताया। जबकि पेशेंट का कहना था कि मेरी हालत ठीक नहीं है और पर्ची पर सब कुछ लिखा हुआ है। इतना कहते ही डॉक्टर ने उसकी पिटाई शुरू कर दी और जमकर गालियां भी दीं। सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि पेशेंट कुछ समझ ही नहीं सका। यूनिट में एडमिट अन्य पेशेंट व उनके परिजन भी अवाक रह गए।
परिवार के व्यक्ति ने बनाया वीडियो
इस बीच परिवार के एक नजदीकी व्यक्ति ने उक्त वीडियो बना लिया और एक भाजपा नेता को सेंड कर मामले से अवगत कराया। इसके बाद बात एमवाय अस्पताल प्रशासन तक पहुंची तो तुरंत डॉक्टर को यूनिट से रवाना कर दिया गया। इस दौरान उक्त पेशेंट के कुछ परिजन हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया।
जांच के लिए बनाई समिति
एमवाय अस्पताल के डीन डॉक्टर संजय दीक्षित का कहना है कि जूनियर डाक्टर की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लिया गया है। संभागायुक्त के निर्देश के बाद आर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष ने जूनियर डॉक्टर कौशल को सस्पेंड कर दिया है। वहीं एमजीएम मेडिकल कॉलेज ने मामले में जांच समिति बनाई है।
तीन दिन में देना होगी रिपोर्ट
इधर वीडियो वायरल होने के बाद अधिष्ठाता एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर ने जांच समिति का भी गठन कर तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इधर, वायरल वीडियो की डॉक्टर पीएस ठाकुर ने पुष्टि की है। सूत्रों के हवाले से मारपीट का यह वीडियो शनिवार दोपहर का ही बताया जा रहा है।
लापरवाही कैसी-कैसी
बेहोशी की गैस बच्चे को चढ़ा दी, कोर्ट में चला था मामला
मई 2016 में एमवायएच के नए ऑपरेशन थिएटर में दो बच्चों की मौत हो गई थी। कहा गया कि बच्चों को ऑक्सीजन की जगह बेहोशी वाली गैस चढ़ा दी गई थी। मामले में तीन अलग-अलग याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर की गई थी।
3 साल पहले का शव कंकाल बन गया
महाराज यशवंत राव अस्पताल (एमवायएच) के मॉर्चरी में 2020 में स्ट्रेचर पर रखा एक शव कंकाल बन गया। यह शव अंतिम संस्कार के लिए रखा गया था, लेकिन 10 दिन तक उसकी किसी सुध तक नहीं ली थी। मामला मीडिया में आया तो अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत कंकाल को वहां से हटवा दिया।