जैन समाज का क्षमावाणी पर्वः पर्युषण पर्व का समापन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म

स्वतंत्र समय, नर्मदापुरम

मोरछली चौक स्थित पाश्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में महापर्व पर्यूषण पर्वराज का समापन हुआ। समाज अध्यक्ष संतोष जैन ने बताया कि ऋषि पंचमी से यह पर्व शुरु हुआ था। जो अनंत चतुर्दशी तक चला। इन दस दिनों में जैन धर्म के धर्मानुरागी बंधु संयम एवं त्याग को धारणकर धर्म आराधना करते हैं। बुजुर्ग युवा बच्चे शक्ति अनुसार बिना अन्न जल का उपवास या एकासन आदि कर कठोर तप करते हैं। मंदिर में कोलारस से पधारे बाल ब्रह्मचारी अंशु भैया ने दस दिनों में अन्य जल का त्याग कर दस दिन का निर्जरा व्रत का पालन किया। भैया ने दस दिन अखंड निरजला व्रत से नगर का गौरव बढ़ाया है। समाज द्वारा अंशु भैया का पारणा उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। अंशु भैया के पारणा उत्सव के उपलक्ष्य में अरुण जैन राजेश हलवाई चौक निवास पर स्नेह भोज का आयोजऩ एवं धर्म प्रभावना का रखा गया। दसलक्षण पर्यूषण महापर्व पर मंदिर की में नित्य भक्ति के साथ श्रीजी के अभिषेक शांति धारा नित्य नियम पूजा एवं संगीतमय दसलक्षण महामंडल विधान का आयोजन हुआ। जिसमें कोलारस के पधारे बाल ब्रह्मचारी अंशु भैया एवं इंदौर आश्रम से पधारी ब्रह्मचारिणी दीदी द्वारा समाज को ज्ञान से धर्म प्रभावना की गई। दस धर्मों क्षमा,मार्जव,आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आंकिचन, ब्रह्मचर्य के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया एवं उनके पालन करने से जो जीवन का उद्धार होता है उसे समझाया।