स्वतंत्र समय, भोपाल
विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक के आने के साथ प्रदेश की सियासत में आयाराम-गयाराम का सिलसिला भी लगातार जारी है। टिकट न मिलने से नाराज नेता बेहिचक पार्टी बदल रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस के दो नेता भाजपा में शामिल हुए, उधर भाजपा के दो नेताओं ने पार्टी को ‘टाटा’ कह दिया। विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी ने कांग्रेस को छोडक़र भाजपा का दामन थाम लिया। पन्ना जिले की गुनौर सीट से पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता फुंदर चौधरी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।
उधर, विंध्य अंचल के ही कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक अभय मिश्रा और अशोकनगर के भाजपा नेता व शिवराज सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अजय यादव ने भाजपा को ‘बाय- बाय’ कह दिया। विंध्य अंचल के कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी बुधवार सुबह अपने समर्थकों के साथ राजधानी में भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। उल्लेखनीय है कि सिद्धार्थ सफेद शेर कहे जाने वाले स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते और पूर्व सांसद सुंदरलाल तिवारी के बेटे हैं। वह 2019 में हुए पिछले आम चुनाव में रीवा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तब उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। बीते कई दिनों से उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं, जो बुधवार को सही साबित हो गईं। इसके साथ-साथ पन्ना जिले के गुनौर सीट से पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता फुंदर लाल चौधरी भी बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। वे गुनौर सीट से एक बार विधायक रहने के बाद दो चुनाव हार चुके हैं।
कांग्रेस का पंजा थामेंगे यादवेंद्र सिंह यादव
अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा सीट पर बीजेपी में बगावत ने पार्टी का संकट बढ़ा दिया है। भाजपा के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय राव देशराज सिंह के बड़ेे बेटे यादवेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस पार्टी ने मुंगावली से अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि यादवेंद्र के छोटे भाई अजय प्रताप यादव को भाजपा सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है। इसके बावजूद अजय ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर शुक्रवार को कांग्रेस ज्वाइन करने का ऐलान कर दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर लगाया आरोप
भाजपा से टिकट मिलने की आस टूटने पर उन्होंने अपने त्याग पत्र में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाथ में जल उठाकर केपी त्रिपाठी को टिकट न देने और उन्हें टिकट देने का वादा किया था, लेकिन अब सीएम चौहान राजेंद्र शुक्ल के दबाव में आकर वादा खिलाफी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने मुझे पहले ही टिकट का आश्वासन दे दिया था, लेकिन मेरा ही विवेक नष्ट्र हो गया और मैंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी, उन्होंने दावा किया क्षेत्र की जनता कांग्रेस के साथ है। इसलिए मुझे महसूस हुआ कि अब जनता के साथ चलना चाहिए।
राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त नेता अजय प्रताप यादव की कांग्रेस में होगी एंट्री
उधर, अशोकनगर के कद्दावर नेता व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अजय प्रताप यादव ने भी भाजपा छोड़ दी है। वे जल्द ही कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने की तैयारी कर चुके हैं। उन्होंने शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। बंदूक के लाइसेंस में लाखों रुपए लेने के आरोप भी भाजपा सरकार पर लगाए हैंं। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनकी बात न मानने को भी इस्तीफे की वजह बताया है। अजय प्रताप यादव के इस्तीफे से बीजेपी को करारा झटका लगा है।
कहा- मोदी और भाजपा की विचारधारा से हैं प्रभावित
इस मौके पर सिद्धार्थ तिवारी ने कहा उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की विचारधारा से प्रेरित होकर यह निर्णय लिया है। देश और प्रदेश का जो विकास भाजपा के शासनकाल में हुआ है, उसके कारण मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं। आज हर देशभक्त युवा यही बोलेगा कि मोदी के नेतृत्व मे देश आगे बढ़ रहा है।