स्वतंत्र समय, भोपाल
ट्रेन निरस्त होने की सूचना उपभोक्ता को रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद मिलने को उपभोक्ता आयोग से सेवा में कमी माना। इस पर आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रेलवे पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार निवासी विजय कुमार बोहरे ने भोपाल से शिरडी जाने और आने का टिकट कराया था। 28 फरवरी को वह झेलम एक्सप्रेस में सवार होने के लिए निर्धारित समय पर रानी कमलापति स्टेशन पहुंचे। वहां पहुंचने पर पता चला कि ट्रेन निरस्त हो चुकी है। विजय टिकट निरस्त कराने पहुंचे तो एसी थर्ड के 3400 रुपये के दो टिकट में 627 रुपये रेलवे ने काट लिए। उन्होंने इसकी शिकायत आइआरसीटीसी में की, लेकिन वहां से उचित जवाब नहीं मिला। इसके बाद बोहरे ने जिला उपभोक्ता आयोग में याचिका लगाई। उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रेलवे को फटकार लगाई और बिना सूचना के ट्रेन निरस्त कर एवं किराये की संपूर्ण राशि वापस नहीं करने को सेवा में कमी माना। इसके साथ ही यह भी कहा कि ट्रेन निरस्त करने से यात्री को मानसिक कष्ट हुआ और स्टेशन आने-जाने में परेशानी हुई। इसके लिए रेलवे उपभोक्ता को मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि सहित 25 हजार रुपये दो माह के अंदर लौटाए।
रेलवे ने बताया यह कारण
रेलवे ने रेलगाडिय़ों को निरस्त किए जाने के पीछे रेलवे सिस्टम को अपग्रेड किया जाना बताया। उपभोक्ता के अधिवक्ता अशोक रूमी श्रीवास्तव ने कहा कि यात्री ने आने-जाने के लिए टिकट कराया था। एक तरफ की ट्रेन निरस्त होने के कारण दोनों टिकट निरस्त कराने पड़े। आयोग ने रेलवे के सभी तर्क को खारिज कर दिया और यात्री के पक्ष में निर्णय सुनाया।