स्वतंत्र समय, भोपाल
भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को जबलपुर में डैमेज कंट्रोल और मैराथन बैठक के एक दिन बाद ही बीजेपी के जिलाध्यक्ष प्रभात साहू ने इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव के ऐनवक्त पर सियासी धमाका कर दिया है। साहू ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को इस्तीफा भेजकर जबलपुर में मीडिया को भी जानकारी दी। पिछले दिनों बीजेपी के संभागीय दफ्तर में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में झूमाझटकी के मामले में प्रभात साहू खिलाफ आलाकमान को शिकायत की गई थी। साहू ने रविवार को अपने इस्तीफे का ऐलान कर खुद को इस मामले में निर्दोष बताया और पार्टी आलाकमान के रवैये पर भी उंगली उठाई। साहू ने दुखी मन से कहा 1980 से पार्टी से जुड़ा रहा। 43 साल के सफर में बहुत उतार-चढ़ाव देखे।पार्टी अध्यक्ष पद संभाला था, तब भी कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की। साहू ने कहा कि 21 अक्टूबर को बीजेपी के संभागीय कार्यालय में हुई घटना का आरोप मेरे ऊपर लगा। प्रदर्शन करने वालों को हमारे केंद्रीय नेतृत्व अमित शाह से मिलवाया गया, जबकि उनपर अनुशासनहीनता की कार्रवाई होना थी, उन्हें भाजपा कार्यालय में बुलाकर शाह से अलग से बातचीत करवाई। जिनके कारण कार्यालय में हंगामा हुआ, उन्हें बुलाकर आश्वासन दिया गया, इससे मैं आहत हूं।
प्रदेश संगठन महामंत्री ने हटाने की दी थी धमकी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी दफ्तर के हंगामे पर जबलपुर सांसद और पश्चिम विधानसभा से प्रत्याशी राकेश सिंह ने जिलाध्यक्ष प्रभात साहू की आलाकमान से शिकायत की थी। शनिवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह की बैठक में साहू की जमकर खिंचाई हुई। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने प्रभात साहू से यह तक कह दिया कि 17 नवम्बर के बाद आपको हटा दिया जाएगा। इसी दौरान उत्तर-मध्य सीट से टिकट कटने से नाराज भाजयुमो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया की मुलाकात अमित शाह से भी करवाई गई। पटेरिया ने साल 2018 में भी बागी होकर निर्दलीय चुनाव लडऩे के कारण पूर्व मंत्री शरद जैन चुनाव हार गए थे।
साहू को राकेश हटवाने और प्रहलाद लगे थे बचाने में
यहां यह भी चर्चाएं हैं कि सांसद राकेश सिंह से लंबे समय से चले आ रहे शीतयुद्ध और पार्टी दफ्तर में हंगामा की घटना के बाद साहू निशाने पर थे। इसी के चलते सिंह साहू को हटवाने में लगे थे और चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने घटना के तुरंत बाद साहू को हटाने की सिफारिश केंद्रीय नेतृत्व से की थी पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने उन्हें तुरंत कार्रवाई से बचा लिया था। बैठक में शाह की मौजूदगी में हुए घटनाक्रम से आहत जिलाध्यक्ष साहू ने इस्तीफा दे ही दिया।