तीन मोर्चों पर हमला : करीब दस साल पहले देश के छह से ज्यादा राज्य और 125 से ज्यादा जिले नक्सल समस्या से प्रभावित थे। लेकिन 2019 में केंद्र सरकार की तीन तरफा रणनीति के बाद अब यह समस्या सिर्फ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के तीन जिलों में रह गई है। अगले साल तक देश पूरी तरह नक्सल मुक्त हो सकता है।सरकार ने नक्सलियों को मिलने वाले वैचारिक समर्थन को खत्म करने के लिए सीधा कदम उठाया। पहले चरण में शहरी इलाकों में बड़ी गिरफ्तारियां कर विचारधारा का जाल तोड़ा। दूसरे चरण में नक्सलियों की समानांतर सरकार यानी जन मिलिशिया नेटवर्क को खत्म किया गया। तीसरे चरण में 560 कैंप बनाकर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया।
ऐसे खत्म किया गया जन मिलिशिया नेटवर्क
नक्सलियों ने जन मिलिशिया के जरिए दूर-दराज के इलाकों में अपनी समानांतर सरकार बनाई थी। पहले इसमें 8,000 से ज्यादा लोग थे, लेकिन अब बहुत कम रह गए हैं। सरकार ने पुलिस कैंप लगाकर विकास पहुंचाया और मिलिशिया से जुड़े लोगों को पंचायत, निकाय और विधानसभा चुनावों में शामिल कर मुख्यधारा से जोड़ा।
सहानुभूति खत्म होने के बाद लिया गया कड़ा एक्शन
सरकार की कोशिशों से नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों की नक्सलियों के प्रति सहानुभूति कम हुई है। इसके बाद अबूझमाड़ में बड़ी कार्रवाई की गई। अब सिर्फ तीन जिलों में नक्सलवाद बाकी है, जिसे खत्म करने में 5-6 महीने लग सकते हैं। बसवाराजू मारा गया, सुजाता पकड़ी गई और हिडमा की तलाश जारी है।
इस प्रकार दी गईं सुविधाएं
सरकार नक्सली इलाकों में 18 नए पुलिस कैंप लगाएगी। इनके आसपास के गांवों में लोगों को घर, गैस, बिजली, राशन, शौचालय, इलाज, सड़क, पानी और बैंक जैसी सुविधाएं मिलेंगी।