दरबार पर ‘निर्भर’ है ठाकुर-शुक्ला की हार और जीत का ‘फैसला’

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर जिले में आने वाली विधानसभा आम्बेडकर नगर यानी महू में इस बार मुकाबला दिलचस्प है। यहां पर मूलत: कांग्रेसी व विधायक रहे अंतरसिंह दरबार अब निर्दलीय ताकत लगा रहे हैं तो भाजपा ने एक बार फिर अपनी विधायक उषा ठाकुर पर दांव लगाया है। उधर कांग्रेस ने चुनाव के कुछ दिन पहले तक भाजपाई रहे और पूर्व में कांग्रेसी रामकिशोर शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। तीनों ही प्रत्याशी अपना दम भर रहे हैं लेकिन अंतरसिंह दरबार जिस तरह से प्रचार में जुटे हैं, उससे वह खुद की जीत से ज्यादा दूसरों की हार-जीत में महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आ रहे हैं।

महू विधानसभा को जिले की हॉट सीटों में शामिल माना जा सकता है। यह इकलौती सीट है, जिसका लोकसभा क्षेत्र धार है, लेकिन विधानसभा इंदौर जिले में लगती है। महू विधानसभा सीट से अंतरसिंह दरबार दो बार विधायक बने। उसके बाद कैलाश विजयवर्गीय और फिर उषा ठाकुर ने यहां से भाजपा को जीत दिलाई। इस बार कांग्रेस से दरबार फिर से दावेदार थे लेकिन कांग्रेस ने उनके स्थान पर रामकिशोर शुक्ला को टिकट दे दिया। उनके मुकाबले में वर्तमान विधायक उषा ठाकुर है। दरबार ने भी ताल ठोंक ली और चुनाव लडऩे का फैसला कर लिया। अब यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला है।

कैंटोनमेंट बोर्ड से लेकर संसाधन तक

महू वैसे तो इंदौर का उपनगर कहा जाता है,लेकिन विकसित हो रही कॉलोनियों व टाउनशिप ने इसकी अलग पहचान बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि केंटोनमेंट बोर्ड में आने वाले इलाको में विकास के लिए अनुमति की लंबी प्रक्रिया सेल लेकर अलग समस्याएं हैं. महू के दूरदराज के इलाकों में लगातार बस रही अवैध कॉलोनियों पर कोई रोक नहीं है। महू विधानसभा का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र वाला है और इसलिए मुद्दे अलग हैं। महू के अंदर के गांवों तक सडक़ की सुविधाजनक कनेक्टिविटी नहीं है। सिंचाई के लिए बिजली की समस्या है। स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी नहीं है। शिक्षा के साधन उपलब्ध हैं, लेकिन नौकरी के लिए अधिकांश युवाओं को इंदौर, पीथमपुर की राह पकडऩी पड़ती है।

कौन-कौन हैं मैदान में?

  • रामकिशोर शुक्ला                                                       कांग्रेस
  • उषा ठाकुर                                                                   भाजपा
  • महेश यादव                                                                 बहुजन मुक्ति पार्टी
  • विकास यादव                                                               जनता कांग्रेस
  • अरुण सिंह चौहान                                                        कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट)
  • किशोर मालवीय                                                           आजाद समाज पार्टी (कांशीराम)
  • केलास उंटवाल                                                              बसपा
  • सुनील चौधरी                                                                आप
  • निर्दलीय                                                                        अंतरसिंह दरबार अभिषेक वर्मा, प्रदीप मावी (जयस)

आदिवासी के साथ पाटीदार समाज

यह विधानसभा अलग-अलग दो प्रमुख कारणों से देशभर में चर्चित है। पहला बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली है जिसके चलते यहां पर देशभर की प्रमुख पार्टियों के प्रमुख नेताओं से लेकर डॉ. आम्बेडकर के समर्थक यहां पर आते रहते हैं तो दूसरा यह आर्मी का बेस कैंप है जिसके कारण यहां पूरे देश में चर्चा में बनी रहती है। साथ ही पर्यावरण और प्राकृतिक के रूप में भी यह विधानसभा काफी अहम है। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के अलावा पिछले कुछ समय से भीम आर्मी, जयस जैसे संगठन भी काफी सक्रिय हैं और उन्होंने भी अलग-अलग तरह से यहां पर आने वाले विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारे हैं। महू सीट में सामाजिक दृष्टिकोण से भी काफी अहम है। ग्रामीण सीट होने की वजह से आदिवासी समाज के साथ ही पाटीदार समाज का भी इस सीट पर वर्चस्व है। जिसके चलते यह दोनों समाज भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

पिछली जीत का अंतर सात हजार का

1993 के चुनाव में भाजपा के भैरोलाल पाटीदार चुनाव जीते। 1998 के चुनाव में कांग्रेस के अंतरसिंह दरबार ने जीत हासिल की। फिर 2003 के चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। लेकिन 2008 के चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते और 2013 में भी वह यहां से विजयी रहे। 2018 के चुनाव में विजयवर्गीय ने यहां से चुनाव नहीं लड़ा और उनकी जगह उषा ठाकुर को भाजपा ने टिकट दिया। 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो यहां पर 11 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच था। दोनों दलों के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। भाजपा की उषा ठाकुर ने 97,009 वोट हासिल किए थे तो वहीं कांग्रेस के अंतर सिंह दरबार को 89,852 वोट मिले। उषा ने यह मुकाबला 7,157 मतों के अंतर से जीता था।