स्वतंत्र समय, मुरैना
17 नवंबर को दिमनी विधानसभा में मतदान के दौरान भाजपा ने सुनियोजित ढंग से लोकतंत्र की हत्या की है। भाजपा ने अपराधियों का सहारा लेकर कमजोर व दलित तबके के मतदाताओं को बड़ी संख्या में मताधिकार का प्रयोग करने से रोक दिया। सांगौली से लेकर कटैलापुरा में दलित मतदाताओं को अपराधियों ने घर से नहीं निकालने दिया। इस पूरे एपीसोड को प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मूक होकर देखते रहे, लेकिन प्रेक्षक तक ने कार्रवाई का साहस नहीं जुटाया। दोपहर 12 बजे के बाद तो भाजपा के लोगों ने पोलिंगों को डंप करके खुद वोटिंग की, जो लोकतंत्र की हत्या का परिचायक हैं। ऐसा करके भाजपा ने अपना इकतरफा बोट डलवाया है। इस पूरे चुनाव में मुरैना पुलिस अधीक्षक ने भाजपा का एजेंट बनकर काम किया है और लगातार फोन लगाये जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह बात विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने अपने निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में कही।
97 पोलिंगों को अतिसंवेदनशील घोषित करने के लिए कहा
काग्रेस प्रत्याशी के तौर पर हमने रिटर्निग आफिसर से लेकर पुलिस के आला अफसरों से 13 नवंबर को लिखित शिकायत की और कहा कि दिमनी की 97 पोलिंगों को अतिसंवेदनशील घोषित कर वहां बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स तैनात किया जाए, जिससे भाजपा द्वारा लगाए अपराधी बेनकाव हो सके और गरीब व कमजोर वर्ग के लोग मतदान करने घर से मतदान केंद्र तक पहुंच सके, लेकिन प्रशासन व पुलिस ने उनकी लिखित शिकायत पर मतदान होने के एक दिन पहले तक कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन 262 में से 100 पोलिंग को अपने कब्जे में लेकर भाजपा के लोगों ने फर्जी मतदान कराया। 16 नवंबर को कलेक्टर व एसपी से दिमनी के 97 मतदान केंद्रों पर फोर्स बढ़ाकर लगाने की मांग की, लेकिन उसे किसी ने सुना नहीं। दिमनी विधानसभा क्षेत्र के 9 मोस्ट वांटेड अपराधियों को चुनाव प्रभावित इलाके से बाहर करने व गिरफ्तार करने के लिए लिखित शिकायत की, लेकिन कलेक्टर ने पुलिस के प्रस्ताव पर उन अपराधियों को जिला बदर करने के आदेश जारी नहीं किए, क्योंकि प्रशासन व पुलिस भाजपा के दबाव में काम कर रहे थे। इस मामले में दिमनी क्षेत्र के थाना प्रभारी बार-बार यह कहते रहे कि उन्होंने अपने स्तर से अपराधियों के जिला बदर के प्रस्ताव एसपी कार्यालय भेज दिए हैं।
कलेक्टर, एसपी व थाना प्रभारियों को बदलने की मांग की निर्वाचन आयोग से
17 नवंबर के मतदान को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए कांग्रेस में निर्वाचन आयोग से लिखित शिकायत की कि मुरैना के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एसडीजीपी अंबाह समेत माताबसैया, सिहाँनियां, दिमनी व अंबाह के थाना प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से बदला जाए, क्योंकि ये भाजपा को जिताने की मानसिकता से काम कर रहे है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उक्त अफसरों की पोस्टिंग खुद चुनाव जीतने के उद्देश्य से मन पसंद स्थान पर कराई है। वेयर हाउस कॉरपोरेशन के कर्मचारी होशियार सिंह तोमर को भी हटाने के लिए चुनाव आयोग से शिकायत की, लेकिन उनको भी नहीं हटाया और उन्होंने भाजपा के लिए काम किया।
हवाला के वायरल वीडियो भाजपा नेताओं के चरित्र को कर रहे उजागर
चुनाव के दौरान व मतदान के बाद तक कनाड़ा से लेकर पंजाब से वायरल किए गए वीडियो में 10 हजार करोड़ के हवाला का खुलासा है। वीडियो जारी करने वाला कारोबारी जगमोहन स्वीकार कर रहा है कि उसने वीडियो वायरल किए हैं। वायरल वीडियो भाजपा नेताओं के चरित्र को उजागर कर रहे हैं, लेकिन ईडी से लेकर सीबीआई जैसी एजेंसियां वायरल वीडियो की जांच स्वत: संज्ञान लेकर नहीं कर रही हैं। यह भाजपा के फासीवाद का परिचायक है। इसे लोगों को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाली भांति समझने की जरूरत है।
चुनाव आयोग से शिकायत के परिणाम नहीं आए तो जाएंगे हाईकोर्ट
कांग्रेस प्रत्याशी रविन्द्र तोमर ने कहा कि दिमनी विधानसभा चुनाव की धांधलियों की शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की है, यदि चुनाव आयोग ने कार्रवाई नहीं की तो सारी गड़बडिय़ों की जांच की गुहार को लेकर कांग्रेस हाईकोर्ट में दस्तक देगी।