स्वतंत्र समय, छतरपुर
आगामी नवरात्र पर्व के लिए को लेकर मां दुर्गा की प्रतिमाओं को बनाने का काम इन दिनों जोरशोर से चल रहा है। कारीगर अपनी मेहनत से मूर्ति को ऐसा रूप देने में जुटे हैं मानो वह मूर्ति न होकर साक्षात मां देवी हों। कारीगर भक्तों की विशेष मांग पर खास प्रतिमाएं भी तैयार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रशासन सख्ती से पीओपी मूर्तियां बनाने वालों पर कार्यवाही भी कर रहा है। शहर में विभिन्न स्थानों पर दुर्गा पंडाल सजाने वाले समितियों की बैठकें भी चल रही है जिनमें आयोजन की रूपरेखा बनाई जा रही है।
मिट्टी की मूर्तियां बनाने वाले कलाकारों ने बताया कि चूंकि मिट्टी की मूर्तियां बनाने में ज्यादा समय एवं लागत लगती है इसलिए कुछ लोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पीओपी पदार्थ से मूर्तियां बनाते हैं। मूर्ति कलाकार गणेश प्रजापति ने बताया कि वे लगभग 15-16 सालों से प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने यह कला अपने मामा से सीखी थी। पहले वह अपने गांव में मूर्तियां बनाया करते थे और अब मामा के साथ शहर में मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मूर्तियां में मिट्टी, घास, लकड़ी आदि का इस्तेमाल वे कर रहे हैं ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। श्री प्रजापति ने बताया कि वे जुलाई से मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं और अब मूर्तियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।