स्वतंत्र समय, नर्मदापुरम
इटारसी के पास सनखेड़ा गांव में जमीन के विवाद में देवरानी को जलाकर मारने वाले जेठ-जेठानी और भतीजे पुत्र को इटारसी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी कमल सिंह राजपूत (53) उसकी पत्नी रूपाबाई राजपूत (52) और इनका पुत्र राजा उर्फ मोहन पिता कमलसिंह (25) है। तीनों सेंट्रल जेल नर्मदापुरम में हैं। जेठ-जेठानी और भतीजे व नाबालिग भतीजी ने मिलकर महिला पर गर्म तेल मिट्टी का तेल उड़ेलकर जला दिया था। घटना 30 मार्च 2022 की थी। रात 9.30 बजे 45 वर्षीय लक्ष्मीबाई राजपूत पति पवनसिंह अपने बच्चों के साथ घर पर खाना खाकर टीवी देख रही थी। तभी जमीन के विवाद को लेकर जेठानी रूपाबाई, जेठ क
मलसिंह इनका पुत्र मोहन उर्फ राजा और नाबालिग पुत्री आए। ये लोग घर के सामने खड़े होकर गालियां देने लगे। फिर लक्ष्मीबाई को लाठी डंडे और लात मुक्कों से पीटा। फिर कहने लगे इसको जान से खत्म कर देते हैं। तभी अचानक जेठानी की नाबालिग लडक़ी अंदर गई और मिट्टी के तेल की कुप्पी ले आई। राजा व रूपाबाई ने उसके हाथ पकड़े। लडक़ी ने मृतिका लक्ष्मीबाई के शरीर पर तेल डाल दिया। कमल सिंह ने माचिस से आग लगा दी। आग लगने से लक्ष्मी का पूरा शरीर जल गया। लक्ष्मी के बच्चों और भाई शेरशिंह ने पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। तब तक आरोपी वहां से भाग गए। गंभीर रूप से जली लक्ष्मीबाई को नाबालिग पुत्री आए। ये लोग घर इटारसी के सरकारी अस्पताल लाया गया। यहां से पुलिस को सूचना दी गई। कुछ देर बाद तहसीलदार ने उसके मृत्यु पूर्व कथन दर्ज किए। इलाज के दौरान 20 दिनों बाद लक्ष्मी की भोपाल में मौत हो गई। अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया इस प्रकरण में आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था। चारों आरोपियों में से एक लडक़ी नाबालिग है। इसलिए उसको छोड़ कर शेष तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। ये आरोपी 1 अप्रैल 2022 से जेल में हैं। केस का फैसला होने पर कोर्ट से सजा वारंट जारी किए गए।