स्वतंत्र समय, कटनी
धान उपार्जन के दौरान गड़बडिय़ां रोकने प्रशासन के प्रयासों पर केंद्र प्रभारियों की मनमानी भारी पड़ रही है। कहीं अमानक धान की खरीदी हो रही है तो कहीं किसानों को अपनी उपज की तुलाई के लिए दो-दो दिन इंतजार करना पड़ रहा है। धान की गुणवत्ता जांच करने के लिए नियुक्त सर्वेयरों का भी कहीं अता-पता नहीं है। जिसके चलते केंद्रों में अनियमितताएं हावी है। आलम यह है कि किसान परेशान है और उनकी परेशानी समझने वाला कोई नहीं है। कलेक्टर अवि प्रसाद की कड़ाई के बाद धान के उपार्जन में गड़बडिय़ों में काफी कुछ विराम लगा है, इसके बावजूद केन्द्र प्रभारी मनमानी पर उतारू हैं। जिले के बड़वारा तहसील के अंतर्गत आने वाले केन्द्रों से सबसे ज्यादा शिकायतें सामने आ रही हैं।
अधिकारियों का निरीक्षण केवल औपचारिकता
किसानों द्वारा धान खरीदी केन्द्रों की शिकायतें किए जाने के बाद खाद्य विभाग, विपणन संघ, भारतीय खाद्य निगम और सहकारिता विभाग के अधिकारी केन्द्रो ंमें जांच के लिए जाते जरूर हैं, लेकिन उनकी यह जांच महज औपचारिकता साबित हो रही है। शिकायतों की जांच की बजाए केन्द्र प्रभारियों से मिलकर अधिकारी सब कुछ ठीक है…कहकर वापस चलते जाते हैं। कई केन्द्रों से इस तरह की खबरें भी सामने आई है। मंगलवार को बड़वारा तहसील के विलायतकला खरीदी केन्द्र में भी शिकायतों के बाद खाद्य विभाग के अधिकारी जांच कने के लिए पहुंचे थे, लेकिन केन्द्र प्रभारी के कार्यालय में बैठकर दस्तावजों की जांच करते हुए शिकायतों को किसानों को पक्ष जाने बिना ही निपटा दिया गया। केन्द्र प्रभारी लखन पटेल से बात की गई तो उन्होंने प्रशासन पर ही दोषारोपण कर दिया। उनका कहना था कि यहां सब कुछ ठीक है, बल्कि खाद्य विभाग द्वारा इस बार की गई व्यवस्थाओं से केन्द्र में धान का उपार्जन करने में दिक्कत हो रही है। केन्द्र में धान आने से लेकर तुलाई और बोरियों में भरने तक चार बार ढुलाई देनी पड़ रही है। इससे अतिरिक्त खर्च हो रहा है।
बिना दस्तावेज परिवहन पर पिकअप एक्शन
बुधवार को अन्य प्रकरण में विजय राघवगढ़ एसडीएम महेश मंडलोई की उपस्थिति में गठित दल द्वारा कार्यवाही के दौरान पिकअप वाहन में 32 क्विंटल धान बिना किसी दस्तावेज के परिहन करते हुए पाये जाने पर वाहन को तहसील कार्यालय में खड़ा कराया गया है।
कलेक्टर के निर्देशों की अलग व्याख्या की केंद्र प्रभारियों ने
पिछले साल धान उपार्जन के दौरान सामने आई गड़बडिय़ों से सबक लेते हुए प्रशासन द्वारा इस बार इस तरह की गड़बडिय़ों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा खरीदी के दौरान अमानक धान का उपार्जन नहीं करने के लिए कहा गया है, लेकिन केन्द्र प्रभारियों द्वारा कलेक्टर के निर्देशों की अपने तरीके से व्याख्या कर ली गई है। केन्द्र प्रभारी अच्छी क्वालिटी की धान को भी अमानक कहकर किसानों को वेवजह परेशान कर रहे हैं और जब किसान केन्द्र प्रभारी को चढ़ोत्री देने के लिए तैयार हो जाता है, तो अमानक धान की गुणवत्ता अच्छी हो जाती है। इस तरह की शिकायतें केन्द्रों से लगातार सामने आ रही है। किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए जहां कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा लगातार निर्देशित किया जा रहा है, तो वहीं केन्द्र प्रभारी उनकी मंशा को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। इन गड़बडिय़ों में विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से भी इंकार नहीं किया जा सकता। में 53 क्विंटल धान का अवैध परिवहन पाया गया था।
आयशर न्यू टैक्टर वाहन पर कार्यवाही
एक अन्य प्रकरण में जांच दल द्वारा कार्यवाही के दौरान सेंट्रल वेयरहाउस कटनी में 127 बोरी धान का अवैध क्रय कर पन्ना जिले के पवई के लिए परिवहन किया जाने पर अवैध क्रय विक्रय का प्रकरण बनाया गया।