स्वतंत्र समय, उज्जैन
जिले में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन नेताओं पर कार्रवाई की है, जो भाजपा के खिलाफ काम कर रहे थे। साथ ही उन लोगों पर भी कार्रवाई की है, जो चुनाव में निष्क्रिय थे। यह कार्रवाई पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा के उस बयान के बाद देखने को मिली है, जो उन्होंने आभार रैली के दौरान धार की आनंद चौपाटी पर दिया था। इस दौरान एक पत्र भी जिलाध्यक्ष मनोज सोमानी को सौंपा गया था। भाजपा ने प्रदेश पदाधिकारियों की सहमति लेकर निष्कासन की बड़ी कार्रवाई की है। इसमें धार शहर, धार ग्रामीण, सागौर, नालछा मंडल के पदाधिकारियों पर यह कार्रवाई देखने को मिली है। इसके साथ ही इन क्षेत्रों केे मोर्चा पदाधिकारियों को भी पदमुक्त कर दिया गया है। यह आदेश जिलाध्यक्ष द्वारा जारी किए गए है। भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज सोमानी ने प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की सहमति से धार नगर पालिका के 7 पार्षदों के निष्कासन का आदेश जारी किया है। इसमें धार नगर पालिका अध्यक्ष नेहा महेश बोड़ाने, उपाध्यक्ष म्यंक म्हाले, पार्षद रवि मेहता, लक्ष्मण पटेल, पूजा जितेंद्र अग्रवाल, छगन परमार व अनिता विशाल सिसौदिया को निष्कासित किया गया है।
इसके अलावा नालछा मंडल अध्यक्ष मनोज पटेल, जिला महामंत्री अजजा मोर्चा लालजी डावर बिलोदा, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष कपिल चौधरी, मंडल महामंत्री नालछा केशव पंडित कठोडिय़ा व मनोज भास्कर, मंडल मंत्री श्यामलाल गावर, मंडल उपाध्यक्ष अजजा मोर्चा दिलीप मोहरे, भाजयुमो मंडल महामंत्री मगन भाभर को पदमुक्त किया गया है। वहीं पीथमपुर क्षेत्र से व्यापारी प्रकोष्ठ जिला सह संयोजक राजेश जैन, भाजपा मंडल महामंत्री मुकेश पटेल, भाजयुमो मंडल महामंत्री ललीत पटेल व रोहित मेवाड़ा के अलावा सागौर से मंडल उपाध्यक्ष धीरेंद्र पटेल, विजय माली, सुंदरलाल चौधरी व खेल प्रकोष्ठ जिला सह संयोजक राजकुमार रधुवंशी को पदमुक्त किया है।
इन मोर्चों की कार्यकारिणी भंग
इन पदाधिकारियों के अलावा भाजपा ने धार ग्रामीण मंडल, किसान मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा, अजा मोर्चा, अजजा मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा के सभी मंडल अध्यक्ष व कार्यकारिणी को भंग किया है। वहीं भाजपा दिग्ठान मंडल अध्यक्ष को छोडक़र मंडल कार्यकारिणी व मोर्चा मंडल कार्यकारिणी को भंग कर दी गई है। लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा की यह बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। इसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पदमुक्त कर दिया गया है।
धार नपा के समीकरण
भाजपा ने धार नगर पालिका के 7 पार्षदों को निष्कासित किया है। ऐसे में धार नगर पालिका पर इसका क्या असर होगा यह भविष्य में देखने को मिलेगा। फिलहाल अभी धार नगर पालिका पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिलेगा। इसकी वजह यह है कि सभी पार्षद निर्वाचित है। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव के वक्त क्या स्थिति बनती है, वह भी देखने होगी। लेकिन कानून के जानकारों का मानना है कि फिलहाल ढ़ाई साल तक किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
कमीशनखोरी का खेल
इधर पार्षदों के निष्कासन पर युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष व धार नपा नेताप्रतिपक्ष करीम कुरैशी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रदेश में 15 साल से पूरे प्रदेश में भाजपा का कमिशन का खेल चल रहा था जो नई सरकार आते ही फिर शुरू हो गया। धार की जनता अपने आपको ठगा महसूस कर रही है। भाजपा की आपसी लड़ाई ने धार के विकास को पिछले एक वर्ष से रोक रखा है जो कि इस बार फिर से भाजपा की कमिशनबाजी को लेकर इन पार्षदों को निष्कासित किया गया है।
चुनावों में प्रत्याशी के विरोध में काम करने के आरोप
धार और धरमपुरी विधानसभा के पदाधिकारियों पर यह कार्रवाई हुई है। जबकि पूरे जिले से प्रत्याशी के विरोध में करने की शिकायतें सार्वजनिक हुई। खुद पूर्व जिलाध्यक्ष ने दो दिन पहले सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद यह कार्रवाईयां देखने को तो मिली। लेकिन अब भी कई विधानसभाओं को लेकर आदेश होना शेष है। बताया जा रहा है कि अभी कुछ ओर सूचियां सामने आ सकती है।