नई शराब नीति को ठेंगा दिखा रहे शराब ठेकेदार और शराबी, दुकान के बाहर खुले में ही छलका रहे जाम

स्वतंत्र समय, सिरोंज
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने से पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। जिसके चलते नियत नियमों के अनुसार ही सभी व्यवसायिक संस्थानों, सामाजिक संस्थानों को आचरण करने का प्रावधान रखा गया है। नगर सिरोंज में मंडी रोड स्थित शराब दुकान के बाहर ही शराबी अपनी बोतल खोल लेते हैं। हुजूम बनाकर यहां खुले आम शराब पीने और पिलाने का सिलसिला सुबह ही चालू हो जाता है। शराब दुकान के बाहर बैठे इन शराबीयो को किसी प्रकार का कानून का कोई डर नहीं है। आदर्श आचार संहिता लागू होने पर भी प्रशासन द्वारा इन्हे रोक टोक नहीं की जा रही। मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से नई शराब नीति के तहत अहाते बंद कर दिए गए हैं। जिसके कारण शराब दुकानों के अहाता मे बैठकर पीने वाले शराबी अब उन दुकानों के बाहर ही बैठकर शराब पी रहे हैं।

शराब दुकान खुलते ही लग जाती है भीड़

शराबी शराब के इंतजार में दुकान खुलने से पहले ही शराब दुकान के सामने पहुंच जाते हैं जैसे ही शराब की दुकान खुलती है शराबी राहत की सांस लेते हैं और अपनी रात का तारा करने के लिए वहीं दुकान के सामने ही शराब की बोतल को खोल लेते हैं और उन्हें कोई रोकता टोकता भी नहीं है। नवरात्रि में श्रद्धालुओं द्वारा सुबह-सुबह ही मंदिर पर जाकर जल चढ़ाने के साथ देवी का पूजन किया जाता है। श्रद्धालुओं को मुख्य सडक़ के किनारे शराब दुकान के पास लगे चखने के ठेलो और खुले आम पीते शराबीयो के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अहातो की कमी को पूरा करते हैं हाथठेले , चकना , पानी गिलास के अलावा बाजू में बैठकर पीने की है सुविधा शराब दुकानों के पास ही हाथठेला लगे रहते हैं इन हाथठेलो पर आहतो के समान ही समस्त प्रकार की सुविधा उपलब्ध रहती हैं। नई आबकारी नीति के प्रभावी होने के बाद आह्तो से होने वाला व्यापार भी खत्म हो गया है लेकिन अहाता व्यापारीयो ने इसका भी जुगाड़ कर रखा है। हाथठेला शराब दुकानों से सटे हुए लगे हैं जिन पर चकना पानी गिलास और कुर्सियां तक उपलब्ध रहती है। ऐसे में सवाल उठता है कि नहीं आबकारी नीति से आखिर सभ्य समाज को क्या फायदा हुआ। बंद कमरों में बैठकर पीने वाले लोग खुलेआम अब सडक़ों पर सार्वजनिक स्थानों पर पी रहे हैं।