नक्शा पास करने उपसंचालक ने ली थी 75 हजार की रिश्वत, 4 वर्ष की सजा

स्वतंत्र समय, शहडोल

22 नवम्बर 2023 को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीष (विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) शहडोल के द्वारा शैलेष विनायक कोहद तात्कालीन उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश शहडोल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं में 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रू के अर्थदंड से दंडित किया गया।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से कविता कैथवास विशेष लोक अभियोजक शहडोल द्वारा सशक्त पैरवी की गई।संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि दिनांक 13 अप्रैल 2014 को शिकायतकर्ता हरीश अरोरा पिता स्व. इंद्रराज अरोरा उम्र 45 वर्ष पाण्डव नगर शहडोल ने एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को इस आशय का प्रस्तुत किया कि वह ग्राम कुदरी तहसील सोहागपुर में उसकी पत्नी रज्जी अरोरा के नाम से 21 एकड़ भूमि जिसमें एक कॉलोनी/ टाउनशिप का निर्माण करना चाह रहा था, जिसके सबंध में उसने आरोपी शैलेश विनायक कोहद उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश को टाउनशिप का नक्शा पास करने के एवज में 75 हजार की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर लोकायुक्त संगठन रीवा द्वारा ट्रेप कार्यवाही के दौरान दिनांक 17 अप्रैल 2014 को आरोपी को कार्यालय उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश में 75000 रूपए नगद रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तहत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर न्यायालय ने 4 वर्ष के सश्रम करावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया।