स्वतंत्र समय, भोपाल
हमेशा चर्चा में रहने वाले नरों में उत्तम नरोत्तम मध्य प्रदेश के उन नेताओं में शामिल हैं जो हमेशा राजनीतिक मैदान में हमेशा सक्रिय रहते हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा और भाजपा सरकार के लिए हमेशा संकटमोचक के रूप में खड़े रहने वाले नरोत्तम हमेशा राजनीतिक मैदान में कार्यकर्ता और आमजन के बीच सक्रिय रहते हैं ।मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता के रूप में एक नई मिसाल नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश में पेश की ।मीडिया के बंधु रोज सुबह 10:00 बजे नरोत्तम मिश्रा के आवास पर इक_े हो जाते थे कोई भी विषय हो जिले से लेकर ,प्रदेश से लेकर ,राष्ट्रीय स्तर का हर विषय पर बेबाकी और तथ्य पूर्ण जवाब मीडिया के बांधों को मिलता था ।हमेशा मुस्कुराने वाले ,आने वालो से गर्म जोशी से मिलने वाले नरोत्तम मिश्रा मीडिया के बंधुओंके दिलों पर राज कर करते थे ,करते हैं। 2023 के चुनाव में चन्द वोटों से चुनाव हार गए ।भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हों या आम जन या मीडिया के बंधु नरोत्तम मिश्रा की इस हार को पचा नहीं पा रहे हैं ।नरोत्तम मिश्रा विधानसभा का चुनाव हार गए पर आम जन कहते हैं देश में इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेई जैसे नेता भी चुनाव हारे। मध्य प्रदेश में दिग्गजों में शामिल अर्जुन सिंह ,सुंदरलाल पटवा या कमलनाथ जैसे नेता भी चुनाव में हार चुके हैं ।चुनाव में हार जीत तो होती रहती है पर जनता के दिलों में राज करना एक अलहदा विषय है जिसमें नरोत्तम मिश्रा सफल हैं। 2023 के बाद प्रदेश में सरकार बनने के बाद जिन मंत्रियों ने शपथ ली वह प्रमुखता से नरोत्तम मिश्रा से उनके आवास पर मिलने के लिए पहुंचे। विपक्ष के कई कद्दावर नेता भी नरोत्तम मिश्रा के आवास पर उनसे मिलने के लिए पहुंचे ।नरोत्तम मिश्रा की उपयोगिता को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि लोकसभा चुनाव से पहले नरोत्तम मिश्रा को भारतीय जनता पार्टी में कोई बड़ा दायित्व दिया जाएगा क्योंकि जनता और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी लोकप्रियता और पूरे देश में उनका जाना माना चेहरा का सदुपयोग पार्टी अवश्य रूप से करेगी। आज पार्टी के आदेश का अक्षरश: पालन करने वाले नेताओं में नरोत्तम मिश्रा की गिनती होती है ।पार्टी ने जब-जब उनको जो-जो जवाबदारी दी चाहे उत्तर प्रदेश का चुनाव हो या गुजरात ,महाराष्ट्र या अन्य प्रदेशों में चुनाव हो वहां पर नरोत्तम मिश्रा ने पार्टी के झंडे को बुलंद किया। आज कई बार देखने में आता है किसी व्यक्ति को छोटा सा पद मिल जाता है तो वह अभिमान में डूब जाता है पर बड़े-बड़े दायित्वों का निर्वाह करते हुए नरोत्तम मिश्रा के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। मुझे नहीं लगता कोई भी ऐसा कार्यकर्ता होगा भाजपा का जो नरोत्तम मिश्रा के निवास से या उनसे मिलकर निराश होकर वापस गया होगा। ऐसे जिंदा दिल नेता राजनीति में कम दिखाई देते हैं ।आज भी उनकी सक्रियता उसी तरह बरकरार है भोपाल निवास पर या दतिया निवास पर लगातार आम जनों और कार्यकर्ताओं की भीड़ बरकरार है। साथ ही राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले और पत्रकार बंधु लगातार नरोत्तम मिश्रा से मिल रहे हैं। यह उनके द्वारा किए गए सत्कर्म और कार्यकर्ता और जनता की सेवा का प्रताप है ।सहज, सरल और विनम्रता यह नरोत्तम मिश्रा का गहना है जो राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाले हर व्यक्ति के पास होना चाहिए।
मीडिया में जिस तरह से वेबाकी और मुस्कुराते हुए नरोत्तम मिश्रा पक्ष रखते हैं और साथ में चुटीली बातें और शेरों का प्रयोग करते हैं यह यह गुण उनको एक अलग पहचान देता है। मीडिया के क्षेत्र में काम करने वाले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को नरोत्तम मिश्रा से सीख लेना चाहिए। जल्दी ही ऐसा प्रतीत होता है फिर किसी बड़े दायित्व का निर्वहन करते हुए नरोत्तम मिश्रा नजर आएंगे क्योंकि भारतीय जनता पार्टी अपने इतने मूल्यवान कार्यकर्ता का उपयोग आने वाले लोकसभा चुनाव में जरूर करेगी ।महफिल अभी भी गुलजार है और आगे भी रहेगी क्योंकि दुआएं बेकार नहीं जाती।