नातीराजा, पज्जन, नीरज, हरप्रसाद और रामसिया को दोबारा मौका

स्वतंत्र समय, छतरपुर।

विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में छतरपुर जिले की सभी 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है। 6 में से 5 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस ने अपने पुराने मोहरों पर ही दांव खेला है। इनमें तीन वर्तमान विधायक नातीराज, पज्जन चतुर्वेदी और नीरज दीक्षित शामिल हैं तो वहीं दो हारे हुए प्रत्याशी हरप्रसाद अनुरागी और रामसिया भारती भी शामिल हैं। पार्टी ने बिजावर में नए प्रत्याशी के तौर पर बाहरी नेता और रेत कारोबारी के रूप में विख्यात चरण सिंह यादव को उतार दिया। इस सीट पर टिकिट की तैयारी कर रहे केशु राजा, राजेश शर्मा, मानवेन्द्र सिंह मोनू और राजेश पायक को खाली हाथ रहना पड़ा है। पार्टी के इस ऐलान के साथ ही कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष और टिकिट के दावेदार राजेश शर्मा ने नाराज होकर अपना इस्तीफा दे दिया है।

अब छतरपुर में मुकाबले की तस्वीर साफ

कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के साथ छतरपुर विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबले की तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है। यहां कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक आलोक चतुर्वेदी को दोबारा अवसर दिया है तो वहीं भाजपा पहले ही पूर्व मंत्री ललिता यादव को मैदान में उतार चुकी है। पूर्व कांग्रेसी बब्बूराजा भी बसपा के हाथी पर सवार होकर मैदान में ताल ठोक रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर अब त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बन रही है। हालांकि सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। रविवार को जब टिकिटों का ऐलान हुआ तब आलोक चतुर्वेदी खेलग्राम में अपना जन्मदिन मना रहे थे। ऐलान होते ही उनके समर्थकों ने छत्रसाल चौक पर आतिशबाजी की और दिन भर उन्हें जन्मदिन और टिकिट मिलने की शुभकामनाएं दी गईं।

नातीराजा फिर बने पार्टी की पसंद

चार बार के विधायक और तीन बार से राजनगर विधानसभा सीट पर अजेय बने हुए कांग्रेस नेता विक्रम सिंह नातीराजा को एक बार फिर पार्टी ने अपना प्रत्याशी बना दिया है। पूर्व विधायक मुन्नाराजा और उनके पुत्र सिद्धार्थ द्वारा दी जा रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद पार्टी ने नातीराजा को इस सीट पर दोबारा मैदान में उतारा है उनका सीधा मुकाबला वैसे तो भाजपा के प्रत्याशी अरविंद पटैरिया के साथ है लेकिन यहां भाजपा के बागी नेता और बसपा प्रत्याशी डॉ. घासीराम पटेल व सपा प्रत्याशी बबलू पटेल सभी का गणित बिगाड़ रहे हैं।

बड़ामलहरा में फिर से साध्वी को मौका

बड़ामलहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर साध्वी रामसिया भारती को मैदान में उतारा है। रामसिया भारती 2021 में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रहते हुए भाजपा के प्रत्याशी प्रद्युम्र सिंह से चुनाव हार गई थीं। फिर भी उन्हें पार्टी  ने दोबारा अवसर दिया है। इस सीट पर भाजपा पहले ही प्रद्युम्र सिंह को अपना प्रत्याशी बना चुकी है। यहां कांग्रेस से टिकिट की तैयारी कर रहे रक्षपाल यादव, गगन यादव जैसे कई नेता दौड़ से बाहर हो गए हैं। भाजपा में भी करन सिंह लोधी और मनोज यादव दौड़ से बाहर हैं। यहां बागियों की भूमिका चुनाव परिणाम को तय करेगी। टिकिट मिलने के बाद रामसिया भारती ने अबारमाता मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन किए और अपने चुनावी अभियान की शुरूआत कर दी।

बिजावर में चौंकाने वाला नाम चरण सिंह यादव

बिजावर सीट पर कांग्रेस ने उप्र के चरण सिंह यादव को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है। चरण सिंह यादव मूलत: झांसी जिले के हैं। उनकी पहचान रेत माफिया और बड़े ठेकेदार के रूप में है। वे इसके पहले पन्ना जिले की पवई सीट से चुनाव लड़ चुके हंै। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से केशु राजा, मानवेन्द्र सिंह मोनू, राजेश शर्मा और राजेश सिंह पायक चुनाव की तैयारी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने इन चारों नेताओं को दरकिनार करते हुए एक बाहरी नेता को मैदान में उतार दिया। ऐसे में अब इस सीट पर नए समीकरण बन सकते हैं। हालांकि इस सीट पर अब तक भाजपा ने अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी यहां से राजेश बबलू शुक्ला को ही टिकिट दे सकती है। उधर चरण सिंह के नाम का ऐलान होते ही कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष और टिकिट की दौड़ में शामिल राजेश शर्मा सटई ने अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है।

दौलत और निधि को नजर अंदाज कर पार्टी ने फिर दिया नीरज को मौका

जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट पर पार्टी के साथ गद्दारी करने जैसे गंभीर आरोप झेल रहे वर्तमान कांग्रेस विधायक नीरज दीक्षित को एक बार फिर कांगे्रस ने अपना प्रत्याशी बना दिया है। इस सीट पर दिग्गज कांग्रेसी नेता निधि चतुर्वेदी और युवा कांग्रेसी नेता अजय दौलत तिवारी भी टिकिट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें तबज्जो न देकर अपने वर्तमान विधायक को ही रिपीट कर दिया है।  नीरज दीक्षित का सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी कामाख्या प्रताप सिंह टीकाराजा के साथ संभव है। हालांकि अजय दौलत तिवारी भी पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ सकते हैं।

लगातार हार के बाद भी हरप्रसाद पर दांव

जिले की एक मात्र आरक्षित सीट चंदला विधानसभा में एक बार फिर कांग्रेस ने लगातार चुनाव हार रहे हरप्रसाद अनुरागी पर दांव लगा दिया। हरप्रसाद दो बार विधानसभा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव हार चुके हैं जबकि एक साल पहले ही वे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी हार गए थे। इसके बाद भी कांग्रेस ने उन्हें फिर से टिकिट दी है। उनका सीधा मुकाबला भाजपा के साथ होना तय है। इस सीट पर भाजपा की ओर से अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा वर्तमान विधायक राजेश प्रजापति को ही मौका दे सकती है। उधर कांग्रेस से टिकिट की दावेदारी कर रहे अनित्या सिंह, पुष्पेन्द्र अहिरवार और राजू प्रजापति को कांग्रेस ने तवज्जो नहीं दी है।