स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह के गाड़ी के आगे नींबू रखने के मामले की गूंज अब राजधानी में हुई है। इस मामले में नगर निगम के सिटी मिशन मैनेजर निखिल कुलमी ने प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि भिक्षुक प्रोजेक्ट के भुगतान को लेकर अपर आयुक्त उन पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। ज्ञात हो कि निगमायुक्त ने कार के आगे नींबू मिलने के बाद संयोगितागंज थाने में शिकायत दर्ज कराने के साथ ही कुल्मी को मीटिंग में बुलाकर फटकार लगाई थी। इस पर उन्होंने कहा था कि मैं परेशान हूं और माफी मांगी थी। बहरहाल, अब मामले ने यू टर्न ले लिया है और निगम के दो अफसरों को कुल्मी ने राजधानी में पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही खुद के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बताया कि वे नींबू पानी के लिहाज से अपने पास नींबू रखते हैं।
आचार संहिता का डर दिखाया
निखिल कुल्मी के मुताबिक अन्य छोटे रेसक्यो प्रोजेक्ट के भुगतान के लिए दबाव बनाकर मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है और इसका भुगतान कर दो अन्यथा आचार संहिता में फंसा कर उनकी संविदा सेवा समाप्त करवा दी जाएगी।
कुल्मी ने पत्र लिखकर लगाए आरोप, की जांच की गुहार
- भिक्षुक प्रोजेक्ट में कई प्रकार की शिकायतों के बावजूद अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं।
- रेसक्यो प्रोजेक्ट के भुगतान के लिए भी दबाव बनाकर मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
- मानसिक प्रताडऩा के साथ ही नौकरी से हटाने की धमकी मिल रही
- जादू टोने का आरोप लगाकर डराया व धमकाया।
- गार्डों के साथ ही अपर आयुक्त ने मारपीट की।
सीसीटीवी फुटेज के साथ हुई थी थाने में शिकायत
ज्ञात हो कि 16 अक्टूबर को घटना दिनांक को निगमायुक्त के गार्ड ने कार के आगे नींबू देखने के बाद निगमायुक्त को खबर की थी। उन्होंने सिटी बस स्थित कार्यालय में सीसीटीवी फुटेज निकलवाए और इस आधार पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के ओएसडी रहे निखिल कुल्मी की संयोगितागंज थाने में शिकायत की थी।
आरोप सही मिले तो विशेषज्ञों से बात करेंगे: पुलिस
इस पूरे मामले में अब पुलिस पसोपेश में है कि वह इस मामले में क्या कार्रवाई करे। हालांकि निगमायुक्त की शिकायत में जादू-टोने का जिक्र नहीं है। पुलिस इस मामले में यह देख रही है कि क्या अपराध की श्रेणी में आता है या नहीं। संयोगितागंज थाना प्रभारी विजय तिवारी ने कहा कि निगम कमिश्नर की शिकायत की जांच की जा रही है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं हम कानूनी विशेषज्ञों से बात करेंगे कि ऐसी परिस्थितियों में क्या कार्रवाई की जा सकती है।
कंट्रोल रूम में किया अटैच
बहरहाल, घटना और शिकायत के बाद महापौर के ओ निगम कमिश्नर ने कुलमी को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है। उन्हें नागरिक मुख्यालय कंट्रोल रूम में अटैच कर दिया गया है। आचार संहिता लगने के पूर्व कुल्मी महापौर पुष्यमित्र भार्गव के ओएसडी के बतौर काम कर रहे थे।
घटना की जांच होना चाहिए
इंदौर मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि घटना की पूरी जांच होना चाहिए और मामले में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
उपवास व तबीयत ठीक नहीं होने से नींबू पानी पीता हूं : कुल्मी
कुलमी ने कहा कि मैं मानसिक उत्पीडऩ के खिलाफ निगम कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए शहर के बस कार्यालय गया था। इसके साथ ही कुलमी ने आरोप लगाया कि उन्हें वहां पीटा गया, मोबाइल फोन छीन लिया गया और उन पर काला जादू करने का आरोप लगाया गया है। मैं उपवास पर हूं और अस्वस्थ हूं, इसलिए नींबू पानी पीता हूं जो मैं अपने वाहन में रखता हूं। गलती से मैंने उसे वहां फेंक दिया। कुलमी ने कहा कि मुझे नगर निगम कमिश्नर से कोई शिकायत नहीं हैं। मुझे मानसिक रूप से परेशान करने वाले लोग उन्हें गुमराह कर रहे हैं। मैं डरा हुआ हूं, इसलिए प्रधान सचिव से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा हूं।