स्वतंत्र समय, नर्मदापुरम
आगामी विधानसभा निर्वाचन के संबंध में शुक्रवार को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज कुमार सिंह के निर्देशानुसार मीडिया प्रतिनिधियों की पेड न्यूज पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी देवेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी एमसीएमसी फरहीन खान की उपस्थिति में मीडिया कार्यालय का शुभारंभ किया गया। जिसमें नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर पंकज दुबे द्वारा पेड न्यूज संबंधी बारीकियों के बारे में विस्तार से मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।
नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर श्री दुबे ने बताया कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार पेड न्यूज प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी भी मीडिया में नकद या किसी अन्य कीमत पर प्रतिफल के रूप में प्रदर्शित होने वाली कोई भी खबर या विश्लेषण पेड न्यूज है। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद द्वारा दी गई पेड न्यूज की परिभाषा को भारत निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया और माना कि पेड न्यूज चुनाव में समान अवसर को बिगड़ती है। प्रतिकूल प्रभाव डालती है, चुनाव व्यय कानूनों को उल्लंघन करती है। मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव डालती है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा उत्पन्न करती है ।
पेड न्यूज जनता को गुमराह करती है। लोगों की सही राय बनाने की क्षमता को बाधित करती है। इससे मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव पड़ता है और इसे उनके सूचना के अधिकार के उल्लंघन के रूप में भी देखा जाता है। पेड न्यूज सभी चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए समान अवसर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। आयोग को चुनावी प्रक्रिया के दौरान जमीनी स्तर पर पेड न्यूज की समस्या का अनुभव हुआ है। राजनीतिक दलों और मीडिया समूहों ने भी संपर्क कर आयोग से पेड न्यूज के खिलाफ कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया।
इलेक्शन रिपोर्टिंग में संतुलित और निष्पक्ष आचरण के लिए वस्तुनिष्ठ तरीके से दलों, अभ्यर्थियों, प्रचार, मतदान प्रक्रिया आदि के बारे में आम जनता तक सूचनाएं पहुंचाना। अफवाहों तथ्यहीन अनुमानों के प्रसारण से बचने का प्रयास करें विशेषत: तब जब ये किसी दल या अभ्यर्थी से सम्बंधित है। सभी वित्तीय और राजनैतिक दवाब से दूर रहना। गलत सूचना प्रसारित हो जाने पर संज्ञान में आने पर तत्काल प्रमुखता से सुधर कर सही सूचना का प्रसारण करना। हेट स्पीच और आपतिजनक कंटेट के प्रसारण से बचना। ओपिनियन पोल की वास्तविक और निष्पक्ष रिपोर्ट का प्रसारण करना और सोर्स जाहिर करना । किसी दल व अभ्यर्थी का आतिथ्य या अन्य सुविधाओं को न स्वीकारना आदि बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।