स्वतंत्र समय, भोपाल।
कड़क आवाज, माथे पर तिलक और खरी खरी बात… यह पहचान है मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की। 15 अप्रैल 1960 को जन्मे नरोत्तम शुरू से पढ़ाई में अच्छे थे। परिवार उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर या किसी और कामयाब पेशे में देखना चाहता था लेकिन, भाग्य ने उनके लिए कुछ और चुन रखा था। भाग्य प्रबल साबित हुआ और दबंग आवाज में अपनी बात रखने वाला दुबला- पतला सा वह लडक़ा मध्य प्रदेश का गृहमंत्री बन गया। पारिवारिक जिम्मेदारी और राजनीतिक सफर के बावजूद मिश्रा ने ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से एम ए और पीएचडी की डिग्री हासिल कर रखी है।
नरोत्तम का सफर
मौजूदा सरकार में गृह ,कानून और जेल मामलों का प्रभाव संभाल रहे मिश्रा छह बार के विधायक हैं। 1977 में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के छात्र संघ के सचिव और 1980 में मध्य प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहे। चुनावी सफर की शुरुआत डबरा से हुई 1990 1998 और 2003 में वहीं से चुनाव जीता। फिर दतिया में उन्हें आजमाया गया वहां से भी मिश्रा ने तीन बार जीत हासिल की है। मिश्रा 2005 से 2008, 2009 से 2018 और 2020 से अब तक मंत्री रहे हैं। 2009 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया से हार गए। शिवराज सरकार के अनूठे ऐसे मंत्री हैं जो एक साथ कई मंत्रालयों का प्रभार संभालने की ताकत रखते हैं।
अयोग्य घोषित किए गए
2008 में नरोत्तम मिश्रा के राजनीतिक सफर को कई मुश्किलें झेलना पड़ी। चुनाव खर्च के गलत खाते दाखिल करने और अपने चुनाव अभियान में पेड न्यूज का उपयोग करने के मामले में चुनाव आयोग ने मिश्रा को अयोग्य घोषित कर दिया । मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। 2018 में सुप्रीम कोर्ट से मिश्रा की जीत हुई। पूरे 10 साल बाद अदालत में चुनाव आयोग के फैसले को रद्द कर दिया। इसके बाद फिर से मिश्रा मंत्री पद पर पहुंच गए।
भडक़ाऊ बातें बोलते रहे
नरोत्तम मिश्रा की राज्य के मुसलमान के बीच अच्छी सभी थी, पर पिछले कुछ सालों में यह चीज बदल गई। खास तौर से जब 2020 में भाजपा ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाई तो उनके बयान सुर्खियां बन गए। अप्रैल 2022 में हुए दंगे और बुलडोजर एक्शन पर उन्होंने कहा था कि जिस घर से पत्थर आए हैं उसे पत्थरों का ढेर बना दिया जाएगा। उन्होंने 2023 में रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म पठान में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के कपड़ों पर भी सवाल उठाए थे। दीपिका को टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक बताया था। उनके कपड़ों के रंग पर ऐतराज था। इसके अलावा भी मिश्रा जब भी मौका पड़ा है बे बाकि से अपनी बात रखते रहे हैं। फिल्मी दुनिया वाले हैं तो उनके निशाने पर ही रहते हैं।