पत्रकार को अगवा कर मारपीट करने वालों के ऊपर नहीं हुई एफआईआर

स्वतंत्र समय, सतना

लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला करने वालों के उपर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर पत्रकार कैसे सुरक्षित रहेगें। वन विभाग के अधिकारियों के उपर एफआईआर दर्ज न होने के चलते गुरूवार को पत्रकारों ने डीआईजी रीवा से मुलाकात कर मामले में कार्रवाई करने की मांग की गई है। इस संबंध में डीआई जी द्वारा जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वसन दिया गया है। भाजपा शासन काल में लगातार पत्रकारिता पर हमले हुए हैं। यानि अब पत्रकार सुरक्षित नहीं है। एक ओर जहां भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री कहते हैं कि पत्रकार हमले होने के 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज होगी। लेकिन सरकार की यह बात सिर्फ भाषणों तक सीमित रह गई है। आखिर किस अधिकार के तहत वन विभाग के द्वारा पत्रकार को अगवा किया गया है। क्या उन्हें यह अधिकार है। ऐसा ही एक मामला सतना जिले का हैं जहां एक पत्रकार को सही खबर लिखने केे बाद वन मंंडल सतना के द्वारा रेंजर बरौधा बृजेन्द्र पाण्डेय, मझगवां रेंजर पंकज दुबे, एसडीओ चित्रकूट अभिषेक तिवारी, सतना रेंजर अरूण शुक्ला के द्वारा 28 नवम्बर की रात 10.30 बजे सिविल लाईन स्थित गढिया चौराहे से बल पूर्वक अगवाकर वन विभाग के रेस्ट हाउस में लाया गया। जहां पर दैनिक सतना स्टार के वरिष्ठ पत्रकार पंकज मिश्रा को बंधक बना लिया गया। और लगातार डीएफओ विपिन पटेल के साथ खबरों के बारें में बातचीत की गई। इसके बाद जबरजस्ती शराब पिलाई। शराब पिलाने के बाद डीएफओ द्वारा मारपीट की जाने लगी।
साथ ही पैसे हांथ में जबरजस्ती पकड़ाकर वीडियो व फोटो बनाई गई। इसके बाद डीएफओ द्वारा खुद पंचनामा तैयार कर जबरजस्ती हस्ताक्षर लिये गये। रातभर बैठाने के बाद सुबह 5 बजे वन विभाग से रेंजर बरौधा बृजेन्द्र पाण्डेय, मझगवां रेंजर पंकज दुबे, एसडीओ चित्रकूट अभिषेक तिवारी, सतना रेंजर अरूण शुक्ला जिल अस्पताल ले गये, जहां अन्य कई पत्रकारों को इक_ा देख मौके से छोडक़र वन विभाग के अधिकारी भाग निकले। इस मामले की शिकायत सीसीएफ रीवा से भी की गई है। 28 नवम्बर की रात पत्रकार पंकज मिश्रा को डीएफओ विपिन पटेल के द्वारा अगवा कराकर बंधक बनाने जाने और मारपीट के संबंध में एसपी सतना व टीआई सिविल लाईन में 29 नवम्बर को शिकायत दर्ज कराई ई थी। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है। ऐसा लगता है कि पुलिस प्रशासन दबाव में है। अगर जल्द से जल्द  एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो पत्रकारों का एक पूरा ग्रूप धरना प्रर्दशन करेगा।

इनका कहना है

इस संबंध में पहले तो आप पुलिस विभाग में शिकायत करिये, मैं इस संबंध में एक कमेटी गठित करके जल्द से जल्द कार्रवाई करूंगा।
– राजेश राय, सीसीएफ, रीवा