परस्पर प्रेम स्नेह का संदेश देती है श्रीराम कथा: डॉ. प्रज्ञा भारती

स्वतंत्र समय, गैरतगंज

श्रीराम कथा परिवार, समाज और देश में परस्पर प्रेम और स्नेह का संदेश देती है। मनुष्य मात्र इसका अनुकरण कर समस्त सनातन में प्रेम और एकता की स्थापना में अपना योगदान देवें, कथा के विश्राम दिवस पर इस बात का संकल्प हमें लेना है ताकि सही अर्थों में श्रीराम कथा के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
उक्त उद्गार नगर के ब्लाक प्रांगण में चल रही पंच दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवे एवं विश्राम दिवस की बेला में मानस विद्वान डॉ. प्रज्ञा भारती ने प्रवचन देते हुए प्रकट किए। कथा का आयोजन श्री सनातन सेवा समिति द्वारा कराया जा रहा है। संगीतमयी श्रीराम कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए डा. प्रज्ञा भारती ने कहा कि परिवार, समाज, देश सहित सम्पूर्ण सनातन में श्रीराम कथा के आदर्शों के अनुरूप नए सिरे से प्रेम और स्नेह स्थापित करने की आवश्यकता है। भगवान राम एवं सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र के राज्य की चर्चा करते हुए साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि यह देश धर्म के अनुसार चलने वाला है, राजा श्री राम एवं हरिश्चन्द्र ने धर्म आधारित शासन की कल्पना कर उसे लागू करते हुए उस पर चले, उन्होंने धर्म निरपेक्षता को नकार दिया था आज हमें इस अनुसार ही धर्म शासन को अपनाना चाहिए इसके अभाव में भारतीय संस्कृति का ह्रास हो रहा है। समाज में धर्म और अनुशासन की पुनर्स्थापना के लिए श्रीराम कथा एवं धर्मग्रंथों से जुडऩे की शिक्षा देना परम आवश्यक है, धर्मग्रंथों से जुडक़र हम अपनी सभी प्रकार की समस्याओं का हल खोज सकते हैं श्रीराम की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। परस्पर रहन सहन और बोलचाल आदर पूर्वक होना चाहिए यह हमें रामायण सिखाती है। उन्होंने प्राचीन धार्मिक उदाहरण देते कहा कि समाज में लिंग भेद समाप्त कर महिलाओं और बालिकाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार दिए जाने चाहिए। साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि आयोजक सनातन सेवा समिति ने धर्म चर्चा से जुडऩे का अवसर नगरवासियों को उपलब्ध कराया है इसके लिए समिति बधाई और साधुवाद की पात्र है। विश्राम दिवस की कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला पुरुष कथा सुनने पहुंचे।