स्वतंत्र समय, अमरकंटक
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक एक धार्मिक और पर्यटक नगरी है । साल भर में यहां लगभग पच्चीस से तीस लाख लोगो का आवागमन होता है , जिसमे पर्यटक , श्रद्धालु , परिक्रमा वासी आदि सम्मिलित होते है । वर्ष में अनेक धार्मिक त्यौहार आते है जिसमे अचानक ही अमरकंटक में भीढ़ बढ़ जाती है । अमरकंटक का मुख्य मेला महाशिवरात्रि है जो पांच दिवसीय लगता है इस मेले में भी लाखो लोग पहुंचते है । वर्ष में अनेक त्योहार दशहरा , दिवाली , क्रिसमस , स्कूली छुट्टियां , नयासाल , मकर संक्रांति , नर्मदा जयंती , पूर्णिमा , अमावस्या , नवरात्रि आदि प्रमुख पर्वों पर अच्छी खासी लोगो की भीड़ पहुंचती है । इसी तरह मां नर्मदा जी में स्नान करने , दर्शन करने तथा नर्मदा परिक्रमा करने वाले यहां पहुंचते है । वह सब धर्मशाला , रैन बसेरा , आश्रम , होटल आदि अपने हिसाब से विश्राम करते या रुकते है ।
इस समय भारी संख्या में नर्मदा परिक्रमावासी , परिक्रमा करते हुए अमरकंटक पहुंचते और सब चाहते है की यंहा के स्थलों का भ्रमण कर ही लिया जाय । जब टूरिस्ट लोकल चार पहिया वाहन बुलाकर अमरकंटक भ्रमण करने की बात करता है तो ड्राइवर या गाइड 1200 या 1000 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से उनको रेट भाव बतलाता है । जो जितने में फस गया , चांदी ही चांदी है । कम लेने की बात चार पहिया वाहन वाले नही करते । अगर किसी अन्य चार पहिया वाहन वाले कम पैसे लेकर घुमाने की बात करता है तो उस पर अन्य लोग तीखी टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर देते है । कई बार चार पहिया वाहनों का रेट के लेने देन के कारण भारी विवाद भी सामने आया । अमरकंटक में जो गाइड के नाम पर टूरिस्टों को भ्रमण कराते है वो चार पहिया वाहन वालों से भारी सेटिंग रहती है और लोकल कुछ गाइड ही यात्रियों , परिक्रमा वासियों को गुमराह कर भारी भरकम राशि ऐठने का कार्य करते है । जब भी किसी विश्राम , होटल स्थल पर कोई यात्री बस , परिक्रमा वाली बस , चरोधाम वाली बस पहुंचती है तब छोटे चार पहिया वाहन वाले पूरी रोड कब्जा कर एकाधिकार की बात करते है , बाहर से आए टूरिस्ट वाहन जनो को यह भी कह देते है की हम लोकल है जाओ जन्हा जो बोलना हो बोल दो । इसी समय चार पहिया के ड्राइवर और लोकल भ्रमण करने वाले जो गाइड कहलवाते है उनकी अपनी अपनी सेटिंग शुरू हो जाती है और जितना ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को गुमराह कर अमरकंटक स्थलों का भ्रमण के नाम पर मनमानी पैसा वसूल लेना इनका धंधा बन गया है ।यात्रियों को कुछ खास प्वाइंट , स्थलों का भ्रमण कराकर टूरिस्टजनों की जेब खाली कर लेते है । टूरिस्ट कितनी भी विनती करे की आप लोग पैसा ज्यादा ले रहे हो तो सीधा जवाब , घूमना हो तो चलो अन्यथा पैदल जाओ । घूमाने के नाम पर कभी कभी चार पहिया वाहन और तीन पहिया ऑटो वालो का भी लंबा विवाद खड़ा हो जाता है।
टूरिस्टो से पैसों के मोलभाव के कारण । महाराष्ट्र के पुणे से आए 80- 85 बस परिक्रमा वासी गुरुद्वारा में विश्राम हेतु रुके । उन्ही के साथी मंदा सिंधे और उषा मगर ने बताया की अमरकंटक घुमाने के लिए बारह सौ बोले फिर काफी बात के बाद फिर एक सवारी से हजार रुपए में गाड़ी वालों ने तय कर लिया है । एक गाड़ी पर दस व्यक्तियों को बिठाया था सब से एक एक हजार सबने दिया । इन्ही के साथ पूना से आए आकाश ने भी कहा की हजार रुपए प्रति व्यक्ति देकर भ्रमण करा और कल तट परिवर्तन होगा । पूना से आए संपत कंदन भी हजार रुपए प्रति व्यक्ति देकर अमरकंटक में चार पहिया वाहन से स्थलों का भ्रमण किया , लेकिन यहां गाड़ी वाले बहुत पैसा लेते है ।
इनका कहना है
यह नर्मदा क्षेत्र के लिए बड़ी शर्म की बात है जो टूरिस्ट लोगो से भ्रमण के लिए मनमानी पैसा वसूला जाता है । नगर परिषद और शासन सोया हुआ है और जब लोकल गाइड ट्यूरिस्टो को मंदिर लाते है तो यात्रियों को मना कर देते है की मंदिरों में कोई भी दान , पैसा नही चढ़ाएगा।
-उत्तम द्विवेदी, मुख्य पुजारी माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक
इस बात की जानकारी लंबे समय से चर्चा बनी हुई है । इस बात को परिषद बैठक में बात रख चर्चा कर ठोस कदम उठाया जाएगा ।
-चैन सिंह, सीएमओ नगर परिषद अमरकंटक
वाहनों की अवश्य रूप से जांच कराई जाएगी। कलीराम परते थाना प्रभारी अमरकंटक यह शर्म की बात है की एक व्यक्ति से हजार बारह सौ लेकर गाड़ी वाले स्थलों का भ्रमण कराते है । इस बात पर ठोस कार्यवाही होनी ही चाहिए।
-पूर्व पार्षद श्याम लाल सेन, अमरकंटक