पश्चिमी रिंग रोड : दोगुने मुआवजे की मांग पर अड़े किसान, अफसरों को लौटाया

स्वतंत्र समय, इंदौर

महत्वाकांक्षी पश्चिमी रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होना है। पिछले दिनों जिला प्रशासन इसके लिए बैठक कर चुका है और जमीन अधिग्रहण को जल्द करने के निर्देश भी दिए थे। इसके लिए अब अफसर जमीनी सर्वे करने पहुंच रहे हैं और गुरुवार को जब वे मौके पर पहुंचे तो किसानों ने एकराय में कहा कि मौजूदा दर से दुगना मुआवजा दिया जाए। बहरहाल, पश्चिम रिंग रोड बनाने का किसान जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि बाजार भाव से दोगुना मुआवजा दिया जाए। एक दिन पहले रोड का सर्वे करने पहुंचे अधिकारियों को किसानों ने खेतों से उल्टे पांव लौटा दिया। वहीं अब किसानों ने मामले को लेकर महापंचायत बुलाई है। जमीन अधिग्रहण के विरोध में 26 दिसंबर को इंदौर के सेमलिया चाऊ में महापंचायत होगी।

अफसरों को भेजा वापस

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पश्चिम रिंग रोड का निर्माण कराया जा रहा है। सडक़ निर्माण से पहले सर्वे करने पहुंचे अधिकारियों को किसानों ने एकत्रित होकर वापस लौटा दिया। किसान नेता हंसराज मंडलोई का कहना है कि एनएचएआई के अधिकारी बगैर सूचना के दल के साथ किसानों के खेतों में मार्किंग के लिए पहुंचे तो किसानों ने सभी को लौटा दिया। करीब एक दर्जन गांवों के किसानों ने एकत्रित होकर विरोध किया। किसानों का कहना है कि अधिकारी बिना सूचना के खेतों में निशान लगा रहे थे, इसलिए सर्वे करने से रोका गया है।

इंदौर-देवास के किसान होंगे शामिल

पश्चिम रिंग रोड और इंदौर-बुधनी रेल लाइन के मुआवजे को लेकर किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। अब किसान आर-पार की लड़ाई शुरू करने वाले हैं। इसके लिए 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे ग्राम सेमलिया चाऊ में किसानों ने महापंचायत बुलाई है। इसमें इंदौर, देवास जिले के प्रभावित किसान शामिल होंगे।

परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों से होगा निर्माण

पश्चिमी रिंग रोड के लिए 75 प्रतिशत राशि केन्द्र के परिवहन मंत्रालय से मिलेगी, जबकि 25 प्रतिशत राशि राज्य शासन वहन करेगा। इस सिक्स लेन रोड का निर्माण परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत ही होगा, जिसमें 40 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार देगी और 60 प्रतिशत राशि जो निर्माण एजेंसी तय होगी उसे वहन करना पड़ेगी। इसके एवज में उसे टोल टैक्स वसूली की अनुमति मिलेगी। अभी जो नए नियम परिवहन मंत्रालय ने टोल सडक़ों के लिए बनाए हैं वह इस पर भी लागू होंगे, जिसमें जितने किलोमीटर का सफर किया जाएगा उतना ही टोल चुकाना होगा। इस सडक़ का निर्माण 80 मीटर चौड़ाई में इसलिए किया जा रहा है, ताकि भविष्य में यातायात का दबाव बढऩे पर इसे 10 लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा, क्योंकि बार-बार जमीन अधिग्रहण से लेकर अन्य प्रक्रिया में समय लगता है, इसलिए एक बार में ही 80 मीटर चौड़ाई के मान से जमीन अधिग्रहित भी कर ली जाएगी।

140 किलोमीटर बनना है सहमति 64 किमी  पर

3 विकल्प तैयार कर राज्य शासन के जरिए केन्द्र के परिवहन मंत्रालय को भेजे गए, जिसमें 140 किलोमीटर के नए रिंग रोड पर सहमति अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों की बनी। मगर उसमें से अभी 64 किलोमीटर के हिस्से को केन्द्र ने मंजूरी दी है, जिसमें 39 गांवों की लगभग 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहित करना पड़ेगी और इसके एवज में लगभग 600 करोड़ रुपए का मुआवजा भी बंटेगा।

प्रोजेक्टों की समीक्षा की

सिक्स लेन रोड को भविष्य में 10 लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा, जिसके चलते अभी से इसकी चौड़ाई 80 मीटर रखी जा रही है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होगी, जिसको लेकर गुरुवार को कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक भी ली, जिसमें चल रहे अन्य प्रोजेक्टों की भी समीक्षा की गई।

इंदौर-बुधनी रेल लाइन का भी विरोध

इंदौर से बुधनी के बीच 198 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाना है। इसमें तीन जिलों इंदौर, देवास, सीहोर की जमीन आ रही है। इंदौर जिले में 123 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसको लेकर भी इंदौर और देवास जिले के किसान विरोध कर रहे हैं। यहां भी किसानों को बाजार भाव की अपेक्षा मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।