स्वतंत्र समय, उज्जैन।
उज्जैन जिले की बडऩगर विधानसभा सीट से विधायक रहे मुरली मोरवाल का टिकट कांग्रेस द्वारा काटने के बाद वह बेहद नाराज हैं। कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी का गलत फैसला कर बडऩगर विधानसभा के हजारों कार्यकर्ताओं का अपमान किया है जिसका अंजाम पार्टी को आसपास की 10 सीटों पर भुगतना पड़ेगा। उज्जैन जिले की बडऩगर सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायकव मुरली मोरवाल को टिकट नहीं मिलने के बाद वे खासे नाराज हैं। मुरली मोरवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस को खुली धमकी दी है और कहा है कि जल्द ही फैसला बदला जाए।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की स्थिति विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर दोनों ही पार्टी की अब साफ हो चुकी है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर सभी को मैदान में उतरकर मेहनत करने और जनता से वोट मांगने के लिए भेज दिया है। दोनों ही पार्टी के प्रत्याशियों के नाम तय होने के बाद अब दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता और नेता भारी विरोध कर रहे हैं। इस बार विरोध की ज्वाला से भाजपा भी नहीं बच पा रही है। विरोध करने के लिए सडक़ से लेकर कार्यालय और सोशल मीडिया पर भी खासी भड़ास निकाली जा रही है। उज्जैन जिले की बडऩगर विधानसभा सीट से विधायक रहे मुरली मोरवाल का टिकट कांग्रेस द्वारा काटने के बाद वह बेहद नाराज हैं। टिकट कटते ही वह कह चुके हैं कि मुझे खरीदने के लिए करोड़ों रुपए के ऑफर थे लेकिन मैंने उन्हें ठुकरा दिया। पार्टी ने इसी बात का मुझे इनाम दिया है। अब मुरली मोरवाल ने अपने कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर एक मीटिंग ली और प्रदेश कांग्रेस को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि यह तो सिर्फ ट्रेलर है..पिक्चर अभी बाकी है! जब मुरली मोरवाल अपने समर्थकों के साथ सडक़ों पर निकलेगा तो समझ लेना तीर कमान से निकलने के बाद ना रास्ता बदलता है,ना वापस आता है। कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी का गलत फैसला कर बडऩगर विधानसभा के हजारों कार्यकर्ताओं का अपमान किया है।