पेंशनर्स एसोसिएशन ने की सीएम यादव से धारा 49 विलोपित करने की मांग

स्वतंत्र समय, झाबुआ

मध्यप्रदेश के साढे लाख पेंशनर्स के लिये मध्यप्रदेश से पृथक हुए छत्तीसगढ राज्य के अलग होने के समय यह तय किया गया एक नियम बडी फांस साबित हो रहा है। दोनो राज्यो के लिये धारा 49 के नाम से बनाये गये इस नियम के कारण पेंशनरो की महंगाई राहत डीआर के मामले में 23 साल से भेदभाव का दंश भुगतना पड रहा है। इस अव्यावहारिक नियम की वजह से प्रदेश के पेंशनर्स का अटक रहा डीआर लंबे इन्तजार के बाद ही मिलता है। दरअसल धारा 49 के अनुसार पेंशनर्स से जुडे मामलों में दोनो राज्यो की सहमति जरूरी होती है । इस अनिवार्यता के कारण ही पेंशनर्स से संबंधित मामलों की सहमति नही बन पाने के कारण समय पर निर्णय नही हो पाते है । पेंशनर्रो ने नये मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से मांग कर इस धारा को प्रदेश मे विलोपित करने की प्रोग्रेसिव पेंशनर्स एसोसिएशन जिला झाबुआ द्वारा मांग की गई हैै ।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2000 में राज्य के विभाजन के समय राज्य पुनर्गठन की सिफारिशो के अनुसार धारा 49 बनाई गई थी जिसके अनुसार तय किया गया कि दोनां राज्यों के पेंशनर्स के मामलों का निराकरण आपसी सहमति से किया जायेगा । यह धारा वर्ष 2000 से पहले के नियुक्त हुए कर्मचारियों के रिटायर होने के मामले में लगातार आडे आ रही है ।
प्रोगेसिव्ह पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविन्द व्यास, उपाध्यक्ष सुभाष दुबे,पेटलावद के अध्यक्ष एनएल रावल, थांदला के अध्यक्ष जगमोहनसिंह राठौर, मेघनगर के अध्यक्ष सुरेशचन्द्र शर्मा, रानापुर के अध्यक्ष मांगीलाल दुर्गेश्वर, राजेन्द्र सोनी का संयुक्त रूप से कहना है कि दोनो राज्यों की इस पर सहमति नही बन पाने के कारण अभी तक केन्द्र के समान प्रदेश के पेंशनरों को भी बढा हुआ 4 प्रतिशत डीआर नही मिल पाया है और सरकारी स्तर से आदेश जारी नही हो पाये है । प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से पेंशनर्स संगठन ने मांग करते हुए लिखा है वे वृद्ध एवं वरिष्ठजनों के प्रति काफी संवेदनशील व्यक्तित्व होकर उनकी परेशानियों एवं समस्याओं के निदान में सदैव अग्रणी रहे है।
ऐसे में पेंशनरों को 1 जुलाई से देय हो चुकी 4 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत की राशि को शीघ्र ही स्वीकृत कर आदेश प्रसारित कर सदाशयता का परिचय देगें । प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को केन्द्र के समान 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी हो गये है किन्तु पेंशनरों को 1 जुलाई से देय डीआर की राशी के आदेश जारी नही हो पाये है तथा उन्हे 38प्रतिशत के मान से ही महंगाई राहत दी रही है।