प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है दर्शनोदय तीर्थ थूवोन जी-पुनीत सागर

मुनिश्री ने किया रामनगर की ओर विहार

शिवनारायण कुरोलिया/अशोकनगर। मानवीय सहायता सबसे बड़ी सेवा है जो दक्षिण भारत में आई बाढ़ के समय दर्शनोदय तीर्थ थूवोन जी कमेटी ने की जिस समय दक्षिण भारत में बाढ़ की त्रसदी आई और विजौलिया तीर्थ से निर्यापक श्रमण मुनि पुंगवश्रीसुधासागरजी ने उत्तर भारत वासियों से आव्हान किया तो दर्शनोदय तीर्थ थूवोन जी कमेटी ने दक्षिण भारत के जैन समाज की मन और धन और साम्रगी भेजकर बड़ी साहयता की उस समय हमारा संघ सुदूर दक्षिण भारत में विहार कर रहा था थूवोन जी से भेजें गये बस्त्र खाद्य सामग्री आर्थिक सहायता का स्थानीय लोगों ने सही सही उपयोग किया उस समय को याद कर आज भी लोग सहम जाते हैं, उक्त आश्य के उद्गार मुनि श्री आगम सागर जी महाराज ने दर्शनोदय तीर्थ थूवोन जी में व्यक्त किया

उन्होंने कहा कि मुनि पुगंव श्री सुधासागर जी महाराज ने जैसे ही आव्हान किया नगद से लेकर हर तरह की साधर्मि जनोंतक सहायता पहुंची यहां की दो सौ से अधिक बाढ़ पीड़ितों को पक्के मकान बना कर दिये गये ऐसी सहायता पात्रों को देख कर करते रहना चाहिए ये मानवीय गुण है जिसे पुरुषार्थ से प्रकट किया जाता है.

आपके आस पास जब भी कोई संकट में फंसा हो तो सबसे पहले मदद करना हमारा नैतिक कर्तव्य होना चाहिए ये बाते शास्त्रों में नहीं मिलेगी हमें जीवन में खुद ही समझना होगा बाढ़ के दौरान जब एक मुस्लिम परिवार के घर गाय के लिए चारा पहुंचाया गया तो कहते हैं कि ये मदद तो अल्लाह ही भेज सकता है संकट में घिर व्यक्ति को आपके सहयोग की सबसे अधिक आवश्यकता है।

गुरुवार को होगा मुनि संघ का चन्देरी प्रवेश –

प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने बताया कि मुनि श्री आगम सागर जी महाराज मुनिश्री पुनीत सागरजी महाराज ससंघ ने दोपहर बाद दर्शनोदय तीर्थ थूवोन जी से नावनी होते हुए चन्दरी के लिए पद विहार कर दिया। रात्रि विश्राम रामनगर में होगा गुरुवार प्रातः काल की वेला में मुनि संघ का चन्देरी नगर में भव्य मंगल प्रवेश होगा।

हम अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं-

थूवोनजी कमेटी के महामंत्री विपिन सिंघई ने कहा कि दक्षिण भारत में आई बाढ के दौरान मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज की प्रेरणा पा दर्शनोदय थूवोन जी कमेटी ने सहायता भेजी थी और आज भी हम अपने आप में गौरवान्वित हैं कि हम इतनी दूर सही हाथों में मदद भेजने में कामयाब हो गए। इस दौरान मुनिश्री पुनीत सागरजी महाराज ने कहा कि स्वार्थ वृत्ती के कारण आज संस्कृति का नाश हो रहा है लोग अपनी संस्कृति को समझ नहीं रहे हम जिस भूमि पर जन्मे हैं उसकी सभ्यता संस्कृति को पहचान कर उनका पालन करना होगा तब हम अपने देश के लिए कुछ कर पायेंगे।

जगत कल्याण के लिए की शान्ति धारा-

दर्शनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र थूवौन जी इसके पहले आज सुबह मुनि श्री के सानिध्य में खड़े बाबा भगवान आदिनाथ स्वामी काअभिषेक के साथ जगत कल्याण की कामना के लिए शांतिधारा हुई।