‘फेल’ हुए तो ‘पास’ के नंबर लेकर आ गए यूनिवर्सिटी

स्वतंत्र समय, इंदौर

मई-जून में हुई बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए और बीसीए फस्र्ट ईयर के रिजल्ट देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी अक्टूबर के आरंभ तक घोषित कर चुकी है। इसके साथ ही बीकॉम, बीएससी, बीबीए व बीसीए सेकंड ईयर का रिजल्ट भी घोषित किया जा चुका है। कॉलेज की गलती के कारण घोषित हुए रिजल्ट में कुछ विषयों की इंटरनल परीक्षा में कुछ विद्यार्थी फेल हो गए है। रिजल्ट आने के बाद अब यह कॉलेज से अपने नंबर बदलवाकर पास के नंबर लेकर पहुंच रहे हैं। यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट घोषित होने के बाद नंबर बदलने से साफ इंकार कर दिया है। इनमें इंदौर के बाहरी कॉलेजों के विद्यार्थी ज्यादा है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी द्वारा फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के रिजल्ट घोषित होने के बाद अब कई विद्यार्थी रोजाना अपने रिजल्ट को लेकर यूनिवर्सिटी पहुंच रहे हैं। यहां पर आने वाले विद्यार्थी कुछ विषयों में फेल हैं। वास्तव में कॉलेजों ने इंटरनल परीक्षा में इन विद्यार्थियों को फेल कर दिया है। बताया जा रहा है कि कई कॉलेजों के परीक्षकों को पूर्णांक में से पासिंग मार्क्स की जानकारी ही नहीं थी और इन्हें कम नंबर दे दिए। इस कारण यह फेल हो गए।

कॉलेज ने पासिंग नंबर दे दिए

रिजल्ट आने के बाद जब इन विद्यार्थियों को पता चला कि उन्हें इंटरनल में फेल कर दिया गया है तो उन्होंने कॉलेज में संपर्क किया लेकिन कॉलेज ने गलत नंबर चढ़ जाने की बात कहते हुए अब उन्हें नए पासिंग नंबर दे दिए। इन बदले हुए नंबर के साथ विद्यार्थी को ही एक पत्र देकर यूनिवर्सिटी के परीक्षा व गोपनीय विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया। अब यह पत्र लेकर विद्यार्थी यूनिवर्सिटी पहुंच रहे हैं लेकिन अधिकारियों ने उनके नंबर बदलने से साफ इंकार कर दिया है।

नहीं कर सकते बदलाव

परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी के अनुसार एक बार रिजल्ट घोषित होने के बाद विद्यार्थी के मार्कशीट के नंबर्स में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव किसी बड़े कारण या रिव्यू में बदलाव के बिना नहीं किया जा सकता है। यह कॉलेज की गलती है कि उसने पहले विद्यार्थी को फेल कर दिया, अब बिना परीक्षा उसे पास कैसे किया जा सकता है। भले ही नए पासिंग नंबर भेजे गए हो, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

इंदौर के बाहर के विद्यार्थी ज्यादा

जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी प्रतिदिन ऐसे विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। इनमें इंदौर के कॉलेजों के साथ ही यूनिवर्सिटी के कार्यक्षेत्र में आने वाले जिलों धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खंडवा, बड़वानी के विद्यार्थी ज्यादा है। इन विद्यार्थियों की गुहार है कि उनका साल खराब हो जाएगा, इस कारण इसमें बदलाव किया जाए, लेकिन इन्हें निराश ही वापस लौटना पड़ रहा है।