स्वतंत्र समय, भोपाल
चुनावी मौसम का असर कहे या व्यापारी संगठनों की मांग जीएसटी काउंसिल ने बड़े कारोबारियों के लिए ई-इनवायस जारी करने की अधिकतम सीमा 30 दिन तक कर दी है। अप्रैल में 100 करोड़ या अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए ई-इनवायस जारी करने की अधिकतम सीमा सात दिन निर्धारित कर दी थी। बाद में इन निर्णय के अमल पर तीन महीने के लिए रोक लगा दी थी। नए निर्देश जारी हो गए हैं। साथ ही साथ छोटे कारोबारियों को अभी इस मामले में पहले की तरह राहत मिली हुई है।
जीएसटी के नियमों के अनुसार अब पांच करोड़ रुपये या अधिक टर्नओवर वाले हर व्यापारी को ई-इनवायस जारी करना है। इसके पहले तक जीएसटी के नियम में व्यापारियों को छूट मिली थी कि वे यदि कोई माल या सेवा की सप्लाई उस वक्त ई-इनवायस जारी करे बगैर कर देते हैं या इनवायस जारी करना भूल जाते हैं तो वे आने वाले समय में ई-इनवायस जारी कर अपनी भूल सुधार सकते हैं। अब तक ऐसी भूल सुधार के लिए किसी तरह की अधिकतम समय सीमा निर्धारित नहीं थी।
इसके बाद नहीं मिलेगा कोई मौका
कर सलाहकार आरएस गोयल के अनुसार, जीएसटी टैक्स नेटवर्क ने अब जीएसटी काउंसिल में लिए निर्णयों के आधार पर नए नियम जारी किए हैं। इसमें साफ कर दिया गया है कि 100 करोड़ व अधिक टर्नओवर वाले व्यापारी ई-इनवायस, डेबिट नोट या क्रेडिट नोट अधिकतम 30 दिनों में ही जनरेट कर सकेंगे। यानी इसके बाद इनके लिए कोई मौका नहीं होगा। विभाग स्वतंत्र रहेगा और माना जाएगा कि बिना बिल के इन्होंने व्यापार किया है। ऐसे में कर अपवंचन संबंधी नियमों में इन पर कार्रवाई के लिए अधिकारी स्वतंत्र रहेंगे। हालांकि टर्नओवर सीमा से कम है तो फिर समय सीमा की पाबंदी लागू नहीं होगी।
राहत लंबी नहीं
दरअसल, जीएसटी नेटवर्क ने ताजा निर्देशों के पहले 12 अप्रैल को एक एडवायजरी जारी की गई थी। इसमें ई-इनवायस की सीमा सिर्फ सात दिन ही निर्धारित कर दी थी। हालांकि तमाम विरोध के बाद 6 मई को निर्देश जारी कर इस पर अमल तीन माह के लिए स्थगित कर दिया था। अब नए निर्देश से उसे बदल दिया है। गोयल कहते हैं इस लिहाज से देखा जाए तो व्यापारी ताजा निर्देश को राहत भी मान सकते हैं।
चुनाव के बाद हो सकती है सख्ती
अकाउंटेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक, इसे राहत कहना उचित नहीं होगा। कई कारण है कि बड़े कारोबारियों को 30 दिन का समय दिया है। ताजा दौर में पांच करोड़ टर्नओवर वाले व्यवसायी भी ई-इनवायस जारी करने के लिए बाध्य हैं। इनके चलते सर्वर में लगातार समस्या आ रही है। चुनावी मौसम है और व्यापारी संगठन सख्ती का विरोध भी कर रहे हैं। लिहाजा सरकार और जीएसटी के लिए अभी ज्यादा सख्ती का समय नहीं था। चुनाव के बाद सख्ती का दौर शुरू हो सकता है। हालांकि जीएसटी एक्ट में जारी विरोधाभास से कानूनी विवाद भी जन्म लेंगे।