स्वतंत्र समय, इंदौर
कभी मार्डन डेंटल कॉलेज के कर्ताधर्ता के रूप में शहर के बड़े शिक्षाविद् के रूप में ख्याति प्राप्त डॉ रमेश बदलानी पर एक बार फिर नया केस दर्ज हुआ है। मार्डन डेंटल कॉलेज और आस्था मेडिकल सोसायटी के मेडिकल कॉलेज के मामले में उन पर पहले ही केस दर्ज हैं। इन मामलों में वो जेल जा चुके हैं। इसके साथ ही डॉ सतविंदरसिंह माखीजा पर भी कुछ दिनों पहले एक प्रकरण दर्ज हुआ था और अब एक और प्रकरण दर्ज हुआ है। अब इंडो फ्रेंड्स फाउंडेशन ट्रस्ट घोटाले में आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने डॉ। रमेश बदलानी को आरोपी बनाया है। उनके साथ डॉ। आरएस माखीजा और सतविंदरसिंह माखीजा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। इन पर फर्जी नियुक्ति से वेतन प्राप्त करने और आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया है।
किसी समय के बड़े लोगों में शुमार रहे डॉ। रमेश बदलानी पर एक के बाद लगातार मुसीबतें आती जा रही है। इस बार एक ट्रस्ट में फर्जीवाड़े के मामले में केस दर्ज हुआ है। मामला महाराजा रणजीतसिंह कालेज ऑफ़ प्रोफेशनल साइंसेस खंडवा रोड़ का है। यह ट्रस्ट समाजसेवा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की मदद, शिक्षित एंव मुफ्त उपचार करने के लिए बनाया गया था। ट्रस्ट के अंतर्गत महाराजा रणजीतसिंह कालेज ऑफ प्रोफेशनल साइंसेस, गुरु हरकिशनसिंह पब्लिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष डा। रमेश बदलानी, मैनेजिंग ट्रस्टी आरएस माखीजा और सीईओ सतविंदरसिंह माखीजा हैं। कुछ दिनों पहले डॉ। माखीजा व अन्य लोगों पर 1984 के मुआवजा मामले में भी एक मुकदमा कायम हुआ था।
परिवार के सदस्यों को लाभ
आरोप है कि इन्होंने अपने तीन संस्थान माता गुजरी गर्ल्स कालेज, किड्स वर्ल्ड इंटरनेशनल स्कूल, माता गुजरी गर्ल्स स्कूल के माध्यम से अपने परिवार के सदस्य हरशरणकौर माखीजा, सतविंदर, रमणदीप को बड़े पदों पर बैठाया और करोड़ों रुपयों का गबन किया।
माखीजा ने स्वयं की बसों को कॉलेज में अटैच कर मुनाफा कमाया। ईओडब्ल्यू के अनुसार सतविंदर सिंह माखीजा द्वारा एमबीए, एमसीए, एमएससी के तीनों कोर्स का वेतन लिया। उसने गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल से अलग अवैध वेतन लिया। उसने 10 अप्रैल 2018 से 10 अप्रैल 2022 तक एक करोड़ 13 लाख 7 हजार 272 रुपए प्राप्त कर लिए।
माडर्न डेंटल कॉलेज का मामला
इससे पहले बदलानी पर कई केस दर्ज हो चुके हैं। मार्डन डेंटल कॉलेज के साथ ही मेडिकल कॉलेज खोलने की जमीन लेने के बाद उन्होंने बैंक से करोड़ों का लोन लिया। कॉलेज की जमीन के बीच में सरकारी नाला आ गया और मेडिकल काउंसिल ने जमीन एक होने की शर्त रख दी। डॉ। बदलानी ने नाले पर पुल बनाने की परमिशन मांगी। राजस्व संहिता में एसा कोई नियम नहीं होने पर उन्होंने संबंधों का फायदा उठाकर दो निजी जमीन के बीच शासकीय नाला आदि आने पर पुलिया या पुल बनाने के लिए आवेदन देकर उतनी जमीन लीज पर लेने का नियम बनवा लिया और अनुमति प्राप्त कर ली। इसी आधार पर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिली लेकिन भागीदारों का विवाद सामने आ गया और फिर उन पर लगातार केसेस होते चले गए।
मेडिकल कॉलेज के मामले में भी
कनाडिय़ा थाना में पिछले संस्था में फर्जी दस्तावेज से एन्ट्री कर अवैध लाभ लेने की नीयत से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज हुआ। डॉ रमेश बदलानी को धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद आस्था फाउंडेशन की कार्यकारिणी में फेरबदल कर अवैध लाभ अर्जित करने का मामला दर्ज हुआ था। डेंटल कॉलेज का संचालन करने वाले डॉ बदलानी की इस मामले में पहली बार गिरफ़्तारी हुई। कनाडिय़ा पुलिस ने 7 मार्च 2022 को डॉ बदलानी सहित 42 आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था जिसमें धारा 420 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था।