चार धाम की यात्रा के पंजीकरण के लिए यात्रियों को 4 तरीके की पंजीकरण व्यवस्था बनाई गई है
चार धाम यात्रा हिन्दू धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत महत्व है कहते है की जिसने चार धाम यात्रा कर ली उसने धरती पर ही स्वर्ग पा लिया आपने लोगों को कहते सुना होगा कि जीवन में एक बार चार धाम की यात्रा जरूर करनी चाहिए। चार धाम यात्रा में चार पवित्र स्थानों में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ अैर बद्रीनाथ की यात्रा शामिल है। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित चार धामों की तीर्थयात्रा को भारत में सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। ये चार प्राचीन मंदिर चार पवित्र नदियों के आध्यात्मिक स्त्रोत को भी चिन्हित करते हैं, जिन्हें यमुनोत्री, गंगोत्री, मंदाकिनी और अलकनंदा के नाम से जाना जाता है। परंपरा के अनुसार चारों धामों के कपाट खुलने का नियम है लेकिन इसकी तिथि और मुहूर्त की घोषणा नहीं हुई है जिसके चलते अभी चार धामों में से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए ही पंजीकरण किए जा रहे हैं।
गंगोत्री यमुनोत्री धाम के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कपाट खुलने के मुहूर्त हो जाने के बाद ही शुरू किया जाएगा। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले साल चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित हो गई थी जिसके चलते सरकार ने इस साल ऑनलाइन पंजीकरण व टोकन की सुविधा अनिवार्य कर दिए। ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए पोर्टल भी शुरू किया गया है। और अब इस पर बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए पंजीकरण किए जा सकते हैं।
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के पंजीकरण के लिए पोर्टल पर श्रद्धालुओं को विकल्प नहीं मिल रहे थे जिसकी वजह से असमंजस का माहौल बना हुआ था। जिला पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन दोनों धामों के कपाट खुलने है लेकिन इससे मुहूर्त की घोषणा नहीं की गई है जैसे ही धाम दोनों धामों के कपाट खुलने का समय तय कर दिया जाएगा उसी के अनुसार ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू कर दिया जाएगा।
साल 2023 में चार धाम की यात्रा की शुरुआत 23 अप्रैल 2023 से होगी वही केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल 2023 और बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल 2023 को खुलेंगे। परंपरा के अनुसार 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री यमुनोत्री के धाम खुलना चाहिए।चार धाम की यात्रा के पंजीकरण के लिए यात्रियों को 4 तरीके की पंजीकरण व्यवस्था बनाई गई है. जिसमें ऑनलाइन पंजीकरण ऐप के माध्यम से ऑन कॉल और व्हाट्सएप के माध्यम से भी पंजीकरण करवाया जा सकता है।